उत्तराखण्ड सत्य,देहरादून
शीतकालीन यात्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जमकर पीठ थपथपाई। उन्होंने सीएम को छोटे भाई और ऊर्जावान मुख्यमंत्री कह कर संबोधित किया तो जब जहां मौका मिला उन्हें शाबाशी देकर प्रोत्साहित किया। भाषण खत्म कर मुख्यमंत्री जैसे ही प्रधानमंत्री के करीब पहुंचे तो पहले तो उन्होंने गर्मजोशी से हाथ मिलाया। बाद में मुख्यमंत्री की पीठ भी थपथपा दी। एक के बाद एक महत्वपूर्ण फैसले लेने और उन्हें अमल में लाने के मुख्यमंत्री के अंदाज को शीर्ष स्तर पर पसंद किया जा रहा है। चाहे समान नागरिक संहिता हो या राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, प्रधानमंत्री के स्तर पर मुख्यमंत्री को भरपूर शाबासी मिली है। अब शीतकालीन यात्र के लिए राज्य सरकार के प्रयास पर प्रधानमंत्री संतुष्ट नजर आ रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने इसका बार.बार जिक्र भी किया। उन्होंने शीतकालीन यात्र के उत्तराखंड से जुड़े आर्थिक पहलू को रेखांकित करते हुए इसे अभिनव पहल बताया। साथ ही, इसके लिए मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को धन्यवाद भी दिया। अपने संबोधन की शुरुआत में मुख्यमंत्री के लिए प्रधानमंत्री ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह गौर करने वाले रहे। उन्होंने अपनी केदारनाथ यात्र का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि यह दशक उत्तराखंड का बन रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार बढ़िया काम कर रही है। पारंपरिक परिधान और टोपी पहने प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई आंचलिक शब्दों का इस्तेमाल भी किया।
उत्तराखण्ड को नया विजन दे गये पीएम मोदी
देहरादून। चारधाम शीतकालीन यात्र का संदेश देने के लिए उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में अब घाम तापो पर्यटन, नए विजन का मंत्र दे गए। उन्होंने कहा कि ये दशक उत्तराखंड का है। प्रगति के लिए नए रास्ते खुले हैं। उनका दौरा कई मायनों में यादगार बन गया। पीएम सुबह भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से सुबह जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयपोर्ट पहुंचे। यहां से उन्होंने एमआई.17 से उत्तरकाशी के लिए उड़ान भरी। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा में दर्शन किए। उन्होंने करीब बीस मिनट तक गर्भगृह में पूजा.अर्चना की। इसके साथ ही पीएम मोदी के नाम एक रिकॉर्ड दर्ज हो गया। वह देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो मां गंगा के शीतकालीन पूजा स्थल पहुंचे। यहां उन्होंने सबसे पहले मां गंगा के शीतकालीन प्रवासस्थल मुखबा स्थित गंगा मंदिर में पूजा अर्चना की। पीएम ने 20 मिनट तक मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद पीएम मोदी ने हर्षिल की खूबसूरत वादियों का दीदार किया। पीएम ने मुखबा मंदिर और हर्षिल व्यू प्वाइंट से वादियों का निहारा। इसके बाद पीएम ने हर्षिल में ट्रैकिंग व बाइक रैली को फ्रलैग ऑफ किया। गंगा आरती के बाद प्रधानमंत्री ने हर्षिल में जनसभा को संबोधित किया।
पहाड़ी भोज के मुरीद हुए मोदी
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहाड़ से हमेशा ही प्रेम रहा है। वह यहां जब भी आते हैं तो कुछ नया जरूर करते हैं। आज वह सीमांत गांव उत्तरकाशी के मुखबा में मां गंगा की पूजा के लिए पहुंचे। पूजा के बाद उन्होंने पहाड़ी खाने का स्वाद चखा। जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी ने स्थानीय उत्पाद चीणा का भात और फाफरे के पोले और क्षेत्र की स्वादिष्ट राजमा के साथ बद्री गाय की दही मठ्ठा का सेवन किया। चीणा और फाफरा का उत्पादन जनपद के हर्षिल घाटी और ऊंचाई वाले क्षेत्रें में होता है। तो वहीं यह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होता है। मुखबा में स्थानीय महिलाओं ने यह पकवान तैयार कर पीएम मोदी को परोसा।
प्रधानमंत्री ने मनमोहक वादियों का किया दीदार
देहरादून। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मां गंगा के शीतकालीन प्रवासस्थल मुखबा स्थित गंगा मंदिर में पूजा अर्चना की। पीएम ने 20 मिनट तक मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद पीएम मोदी ने हर्षिल की खूबसूरत वादियों का दीदार किया। पीएम ने मुखबा मंदिर और हर्षिल व्यू प्वाइंट से वादियों का निहारा। इसके बाद पीएम ने हर्षिल में ट्रैकिंग व बाइक रैली को फ्रलैग ऑफ किया। हर्षिल उत्तराखंड का ऐसा पर्यटन स्थल है जो हिमालय की गोद में शांति और सुकून तलाश करने वाले लोगों के लिए एक दम मुफीद है। यह समुद्र तल से 2500 मीटर से भी अधिक ऊंचाई पर भागीरथी नदी के तट पर स्थित है। सर्दियों में यहां की वादियां बर्फ से लकदक नजर आती हैं। वहीं, गर्मियों में यहां का नजारा हरियाली से भरपूर दिखता है। यहां कई ट्रेकिंग रूट भी हैं जहां का पर्यटक दीदार कर सकते हैं। हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जहां सरकार को विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए खास मंत्र दिया वहीं, लोगों से विंटर सीजन में उत्तराखंड आने की अपील भी की।