उत्तराखंड बना सुशासन और विकास का मॉडल, मोदी.धामी की केमिस्ट्री का असर
उत्तराखण्ड सत्य,देहरादून
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तरकाशी के मुखवा.हर्षिल क्षेत्र की यात्र से उत्तराखण्ड की में एक बार फिर उम्मीदों को नये पंख मिले हैं। खासकर चारधाम यात्र और आगामी पर्यटन सीजन से पूर्व प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड दौरा प्रदेश में पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह यात्र केवल एक सरकारी दौरा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और पर्यटन को नया आयाम देने की एक ऐतिहासिक पहल थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आमंत्रण पर पीएम मोदी की यह यात्र राज्य के प्रति उनके गहरे लगाव को दर्शाती है। लेकिन इससे भी अहम बात यह है कि मोदी.धामी की जोड़ी ने मिलकर उत्तराखंड को विकास, सुशासन और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुखवा.हर्षिल यात्र से देवभूमि उत्तराखंड एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बन गया। उत्तरकाशी के मुखवा.हर्षिल क्षेत्र में पहुंचकर प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की शीतकालीन यात्र को नई पहचान देने का काम किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह पहल पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य की संस्कृति को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी उत्तराखंड को लेकर इतने भावुक नजर आये। अगर पिछले कुछ वर्षों पर नजर डालें, तो हम साफ देख सकते हैं कि उत्तराखंड मोदी जी के दिल के बेहद करीब है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव उनकी लगातार यात्रओं से स्पष्ट होता है। 5 नवंबर 2021 को केदारनाथ में विभिन्न विकास कार्यों के साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति लोकार्पित करने से लेकर, 2021.22 के विधानसभा चुनावों (4, 10, 11, 12 फरवरी) और 23 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री धामी के शपथ ग्रहण में उनकी उपस्थिति राज्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता दर्शाती है। 21 अक्टूबर 2022 को केदारनाथ. बद्रीनाथ यात्र, 12 अक्टूबर 2023 को मानसखंड (जागेश्वर.आदि कैलाश) दौरा, 8 दिसंबर 2023 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और 2 व 11 अप्रैल 2024 को लोकसभा चुनावों के दौरान उनकी मौजूदगी इसका प्रमाण है। 28 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय खेलों में उनकी भागीदारी ने खेलों को बढ़ावा दिया। ये सभी यात्रएं दिखाती हैं कि उत्तराखंड उनकी प्राथमिकता में है और वे इसे विकास व आध्यात्मिकता का केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन तमाम दौरों से यह साबित होता है कि उत्तराखंड पीएम मोदी की प्राथमिकता में हमेशा सबसे ऊपर रहा है लेकिन यह सब संभव हुआ एक युवा और दूरदर्शी नेतृत्व के कारण, जो प्रदेश को नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध है। जब 2021 में पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तब उत्तराखंड कई चुनौतियों से जूझ रहा था। राजनीतिक अस्थिरता, कोविड.19 का प्रभाव और आर्थिक सुस्ती। लेकिन धामी ने न केवल प्रदेश को स्थिरता दी बल्कि ऐतिहासिक फैसलों से उत्तराखंड को पूरे देश के लिए एक मॉडल स्टेट बना दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मजबूत राजनीतिक समझ और दूरदृष्टि ने उत्तराखंड को सुशासन और विकास के नए आयाम तक पहुंचाया है। समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना जो पूरे देश में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह कानून सभी नागरिकों को समान अधिकार देने और समाज में एकरूपता लाने की दिशा में एक बड़ा सुधार है। वहीं सरकारी परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया जिससे युवाओं का सरकारी सेवाओं में विश्वास बढ़ा है। जबरन धर्मांतरण पर सख्त कानून भी इसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है जो धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के साथ.साथ समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक था। मोदी.धामी की इस मजबूत केमिस्ट्री का असर राज्य के बुनियादी ढांचे और पर्यटन विकास में भी साफ देखा जा सकता है। चारधाम यात्र को सुगम बनाने के लिए सड़क और हवाई कनेक्टिविटी में ऐतिहासिक सुधार किए गए जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। मानसखंड कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के विजन को उत्तराखंड में मुख्यमंत्री धामी ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू किया जिससे राज्य सुशासन, पारदर्शिता और विकास का एक आदर्श मॉडल बनता जा रहा है। उत्तराखंड का यह बदलाव अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहा है और देश में समग्र विकास की दिशा में नए मानक स्थापित कर रहा है। उत्तराखंड एक छोटे राज्य से आगे बढ़कर अब राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत पहचान बना चुका है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी की यह जोड़ी केवल राजनीति तक सीमित नहीं बल्कि यह विकास, सुशासन और आध्यात्मिक उत्थान की साझेदारी का प्रतीक बन चुकी है। इस बार का पीएम मोदी का दौरा न केवल शीतकालीन यात्र को एक नया आयाम देगा बल्कि यह भी दिखाएगा कि उत्तराखंड अब एक विकसित राज्य की ओर मजबूती से कदम बढ़ा रहा है।