On October 17, 2020
City:
बाजार में जाम, और धूल से लोगों को हो रही दिक्कतें
उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
शहर का मुख्य बाजार समस्याओं से उबर नहीं पा रहा है। अतिक्रमण, जाम, और धूल ने मुख्य बाजार का स्वरूप बिगाड़ दिया है। प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद शहर की व्यवस्थायें पटरी पर नहीं लौट पायी है। त्यौहारों का सीजन नजदीक होने के बावजूद प्रशासन बाजार की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए कोई ठोस कदम उठाता नजर नहीं आ रहा है। करीब दो वर्ष पूर्व हाईकोर्ट के आदेश पर जब शहर में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाये गये तो लगा था कि शहर वासियों को अब बाजार में जाम के झाम से छुटकारा मिलेगा। अतिक्रमण से मुक्त होकर बाजार नये स्वरूप में नजर आयेगा। लेकिन फिलहाल कोई बड़ा सुधार मुख्य बाजार में नजर नहीं आ रहा है। अतिक्रमण हटने के लम्बे समय बाद नगर निगम ने बाजार में नाला निर्माण और फुटपाथ बनाने का काम तो शुरू किया लेकिन यह काम अभी तक खत्म नहीं हो पाया है। नगर निगम के मेयर ने 15 अक्टूबर तक हर हाल में बाजार निर्माण कार्यों को पूरा करने का दावा किया था लेकिन उनका दावा हवाई साबित हो रहा है। शहर की कई गलियों में अभी तक फुटपाथ निर्माण का काम पूरा नहीं हो पाया है। जिसके चलते बाजार में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि बाजार में नाला निर्माण और फुटपाथ निर्माण के लिए की गयी खुदाई के कारण पूरा बाजार धूल के आगोश में हैं। धूल के गुबार के चलते जहां बाजार आने वाले ग्राहकों को दिक्कतें उठानी पड़ रही है वही कारोबारियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धूल के कारण व्यापारियों का सामान खराब हो रहा है वहीं पूरे दिन धूल में काम करने के कारण लोगों में दमा जैसी रोग पनपने का खतरा मंडरा रहा है। बाजार में अतिक्रमण इस उद्देश्य से हटाया गया था कि बाजार में व्यवस्थायें पटरी पर आयेंगी। लोगों को जाम से नहीं जूझना पड़ेगा। लेकिन बाजार की हालत देखकर कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। जाम की बात करें तो बाजार के हालात पहले से भी बदतर नजर आ रहे हैं। अतिक्रमण हटाकर फुटपाथ के लिए जो जगह खाली करायी गयी थी अधिकांश गलियों में यह फुटपाथ या तो पार्किंग स्थल बन चुके हैं या फिर इनमें व्यापारियों ने अपनी दुकानों का सामान सजा लिया है। जिसके चलते बाजार में जाम की स्थिति पहले की तरह ही बनी हुयी है। व्यापारी एक दूसरे की देखा देखी फुटपाथ पर अपना सामान सजा रहे हैं। जिसका खामियाजा बाजार में खरीददारी के लिए आने वाले लोगों को जाम के रूप में भुगतना पड़ रहा है।