उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नगर निगम में आयोजित कार्यक्रम में मेयर रामपाल सिंह एवं नगर आयुक्त रिंकू बिष्ट ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले महिला सहायता समूह की महिलाओं एवं महिला पार्षदों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर महिला स्वयं सहायता समूह द्वज्ञरा नगर निगम में उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी। मेयर रामपाल सिंह ने प्रदर्शनी का निरीक्षण कर महिलाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की। इस दौरान मेयर रामपाल सिंह ने कहा कि महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में में पीछे नहीं हैं। महिलाएं आज आत्म निर्भर होकर पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षित महिलाएं आज हर क्षेत्र में समाज का नेतृत्व क रही है। महिलाओं शिक्षित महिला जहां खुद आत्म निर्भर होकर देश और समाज को आगे बढ़ाती हैं बल्कि एक आदर्श गृहिणी के रूप में परिवार को भी नई दिशा देती हैं। मेयर ने कहा कि आज बेटियां भी ऊंचाइयों को छू रही है जिससे उनकी सुरक्षा को हर हाल में मजबूती देनी होगी जिससे आगे चलकर एक दिन उन्होंने भी महिला बनकर परिवार तथा देश सेवा में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना है साथ ही उन्होंने कहा केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार भी अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से महिला सशत्तिफकरण पर जोर दे रही है। नंदा गौरा कन्या योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, कुपोषण मुत्तफ भारत अभियान सहित कई योजनाओं का संचालन महिला सशक्तिकरण के लिए किया जा रहा है। महिलाओं को शिक्षित ओर जागरूक होकर योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। इस अवसर पर नगर आयुक्त रिंकू बिष्ट, नगर निगम ब्रांड एंबेसडर नीलम कोली, पार्षद रजनी रावत, रीना जग्गा, बबीता बैरागी, प्रीति साना, दिव्या अनेजा, ममता आर्य, अनीता बरेठा, अंजू सिंह, कोमल शर्मा साहित महिला स्वयं सहायता समूहों की अनेक महिलाएं उपस्थित रही।
On March 13, 2021
उत्तराखण्ड सत्य,गुलरभोज
जिलाधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरू, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुवंर, सुरेश परिहार, उत्तराखण्ड ओलम्पिक एसोशिएशन के महासचिव डा0 डीके सिंह, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना ने आज संयुक्त रूप से 12 मार्च से 14 मार्च,2021 तक (तीन दिवसीय) बौर जलाशय गुलरभोज में एडवेन्चर वाटर स्पोर्टस ’’बौर हरिपुरा 3’’ (के-1, के-2, सी-1, सी-2 कैनोईगं क्याकिंग) प्रतियोगिता का फीता काटकर व हरी झंडी दिखाकर शुभारम्भ किया। उन्होने विभिन्न प्रान्तो से आये प्रतिभागियों से परिचय लेते हुये बधाई व शुभकामनाएं दी। प्रतियोगिता में राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखण्ड, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आईटीवीपी व पुलिस की टीम सहित 10 टीमो ने प्रतिभाग किया जा रहा है। इसमे 500 मीटर, 1000 मीटर व 200 मीटर केनोईगं क्याकिंग का आयोजन किया गया। उन्होने आम लोगों से अपील करते हुये कहा कि बौर जलाशय में आकर वाटर स्पोर्टस प्रतियोगिता का आनन्द ले। उन्होने कहा कि इस खेल को और अधिक बढाने एवं युवाओ में छिपी प्रतिभाओं का विकास किया जा रहा है और खिलाड़ियों को मौका मिल रहा है। ताकि वे प्रदेश व देश का नाम रोशन कर सकें। उन्होने कहा कि भविष्य में और भी प्रतियोगिताऐं की जायेगी। उन्होने कहा कि बौर जलाशय में पर्यटन की अपार सम्भावना है। जिसे और अधिक विकसित किया जायेगा, ताकि यहां पर पर्यटकों की आवक बड सकें। उन्होने कहा कि इन खेलों का वृहद रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, ताकि बौर जलाशय के बारे में लोगों को जानकारी मिल सकंे। उन्होने कहा कि इन खेलों में राष्ट्रीय स्तर के खिलाडी व कोच प्रतिभाग कर रहे है जो कि जनपद व प्रदेश के लिये अच्छी पहल है। उन्होने कहा कि वन डिस्टिक वन डेस्टिनेशन के अन्तर्गत बौर जलाशय को चयनित किया गया है। जिसे खेलो की सम्भावनाओं को देखते हुये और भी विकसित किया जायेगा। प्रतियोगिता का आयोजन जिला प्रशासन व उत्तराखण्ड ओलम्पिक एसोशिऐशन के समन्वय से एवं पर्यटन विभाग के देख-रेख में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी जगदीश चन्द्र काण्डपाल, एएसपी प्रमोद कुमार, प्रशिक्षु आईएएस जय किशन, उप जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, जिला पर्यटन अधिकारी पीके गौतम, साहसिक खेल अधिकारी कीर्ति चन्द्र आर्य, कोच फिलिफ मैथू, पीयूष कुमार, राजन सिंह, चम्पा मटियाली, बबीता कुमारी आदि उपस्थित थे।
On March 13, 2021
शिव जागरण में भजनों पर झूम उठे श्रद्धालु
उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
श्री अमरनाथ जी सेवा मण्डल की ओर से महा शिवरात्रि के उपलक्ष्य में शहर के रामलीला ग्राउण्ड में आयोजित विशाल शिव जागरण में मशहूर भजन गायकों ने शिव जागरण में भजनों से ऐसी धूम मचाई कि हजारों श्रद्धालु झूमने पर मजबूर हो गये। श्री अमरनाथ जी सेवा मण्डल की ओर से आयोजित विशाल शिव जागरण का शुभारम्भ शहर के वरिष्ठ समाजसेवी शिवेन्द्र सेठी ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से ज्योति प्रज्वलित करके किया। जागरण की शुरूआत गणेश वंदना और गुरूवंदना से हुई। जागरण में मशहूर भजन गायक शिवाय के साथ ही पंजाब से आये भजन गायक पिंदर, रितेश मनोचा, अमन सांवरिया और रमेश राठौर ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति देकर हजारों श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। भजन गायकों ने भोले नाथ की शादी में हम नाचे गायेंगे, शंकर मेरा प्यार, ओम मंगलम, शिव शंकर को जिसने पूजा, भोले शंकर भंडारी आदि सहित कई भजनों की शानदार प्रस्तुति दी। जागरण में दिल्ली के मशहूर कलाकार नीरज कुमार ने शिव अघोरी झांकी का प्रदर्शन कर सभी को रोमांचति कर दिया। साथ ही अन्य झांकियां भी आकर्षण का केन्द्र बनी रही। देर रात आरती और भोग के साथ जागरण का समापन हुआ। इससे पूर्व विशाल भण्डारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। जागरण मण्डल की ओर से राम लीला ग्राउण्ड में कांवरियों के विश्राम, जलपान और भंडारे के साथ ही चिकित्सा आदि की भी व्यवस्थायें की गयी थी। श्री अमरनाथ सेवा मण्डल के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जागरण और भंडारे की सेवा में पूरी शिद्दत के साथ जुटे रहे। इस मौके पर श्री अमरनाथ सेवा मंडल के अध्यक्ष सुनील ठुकराल, विधायक अनुज संजय ठुकराल, व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा, हरनाम कंबोज भारत भूषण चुघ, विजय भूषण गर्ग, बाॅबी टुटेजा, हिमांशु मिड्डा, विक्की आहूजा, सोनू खुराना, अजय चड्डा, निशांत ढल्ला, राजन राठौर, अंकित नरूला, मनीष चुघ, अमित अरोरा बाॅबी, गुलशन छाबड़ा,मनोज छाबड़ा, नामित, विकास शर्मा, महन्त मनीष सलूजा, विजय कटारिया, रितेश मनोचा, सुमित सहगल, अंकित चावला, संकल्प लूथरा, ईशान,विशाल हुड़िया, राजकुमार सिकरी, चेतन अरोरा, चिराग छाबडा, गौरव बब्बर, विजय गांधी, रोहित नारंग, अर्पित पाल, अरविंद अग्रवाल, योगेश शर्मा, निखिल कालरा, जगतपाल, पारस अरोरा, रजत, आशीष मुंजाल, यमन बब्बर, सन्नी छाबड़ा, अशोक राजदेव, संदीप कुमार, संजय कुमार, मुकेश गौरव वर्मा जतिन जुनेजा सिद्धार्थ छाबड़ा, ललित गोयल, हेमंत, गौरव जुयाल, चेतन धीर, सौरव गाबा, राजेश कुमार, अजय अरोरा,मोहित मुंजाल, जतिन नागपाल व विक्की मुंजाल आदि हजारों लोग उपस्थित थे।
On March 13, 2021
जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के साथ विधानसभा चुनाव में बेहतर परिणाम देना सबसे बड़ी चुनौती
उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
उत्तराखण्ड के दसवें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण करने वाले तीरथ सिंह रावत को अपने एक वर्ष के छोटे से कार्यकाल में कई चुनौतियों का सामना करना होगा। एक साल में जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के साथ 2022 में होने वाले चुनाव में बेहतर परिणाम देना नये सीएम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। विधायकों के बीच पनपे असंतोष और सत्ताविरोधी लहर को को काबू करने के लिए पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत के हाथों सत्ता की कमान सौंपकर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। भाजपा ने भले ही सीएम का चेहरा दे दिया हो, लेकिन ऐसा भी नहीं कि इससे पार्टी के लिए आगे की राह बहुत आसान हो जाएगी। उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए तीरथ सिंह रावत के सामने सरकार की छवि सुधारने, पार्टी को एकजुट रखने और सबके साथ लेकर चलने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने जैसी चुनौतियां खड़ी हैं, जिसके लिए उनके पास महज 300 से भी दिन कम हैं? ऐसे में देखना होगा कि वो इन सारी चुनौतियों से कैसे निपटते हैं? उत्तराखंड में नए सीएम बनाने के पीछे पार्टी पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत चेहरे पर चुनाव लड़ने से हार की आशंका है। इसी के चलते तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया है। बीजेपी ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया। ऐसे में तीरथ सिंह रावत के सामने 2022 में होने वाले चुनावी समर में ऐसा ही प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है जबकि उत्तराखंड की सत्ता हर पांच साल पर बदल जाती है। इस तरह से सत्ता की वापसी की राह तलाशना तीरथ सिंह के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि इससे पहले बीजेपी राज्य में दो बार चुनाव से ठीक पहले सीएम बदलने का प्रयोग कर चुकी हैं। 2002 के चुनाव से पहले भगत सिंह कोश्यारी और 2012 के चुनाव से पहले बीएस खंडूरी को सीएम बनाया था, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली थी। ऐसे में मुख्यमंत्री बने तीरथ रावत के सामने केंद्रीय राजनीति का अनुभव रखने के साथ ही राज्य में पकड़ रखने वाले इन दो दिग्गज नेताओं से बड़ी लकीर खींचने की चुनौती होगी। हालांकि, मौजूदा समय में सांगठनिक रूप से बीजेपी की जमीनी पकड़ बूथ स्तर तक है, लेकिन अब उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में जनता के बीच जाना होगा और बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कवायद करनी होगी। उत्तराखंड में त्रिवेंद्र रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत के आने से बीजेपी के सभी क्षत्रप और विधायक संतुष्ट हो जाएंगे, यह कहना मुश्किल है। खासकर कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं की महत्वाकांक्षाएं आगे भी बनी रहेंगी। वहीं, असंतोष पैदा कर मुख्यमंत्री बदलने में सफल होने के बाद ऐसे नेताओं का मनोबल सातवें आसमान पर होगा। ऐसे में नए मुख्यमंत्री के लिए ऐसे अति महत्वाकांक्षी नेताओं से पार पाना और उन्हें साधकर रखने की बड़ी चुनौती होगी। उत्तराखंड की सियासत में गढ़वाल और कुमाऊं के बीच सियासी वर्चस्व की आजमाइश होती रहती है। ऐसे में सीएम तीरथ सिंह रावत के सामने भी गढ़वाल और कुमाऊं के बीच क्षेत्रीय संतुलन को साधने की चुनौती भी होगी। सीएम खुद गढ़वाल से हैं, ऐसे में उन्हें कुमाऊं के लोगों के साथ बैलेंस बनाकर चलना होगा। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने कार्यकाल में गैरसैंण को लेकर काफी सक्रियता दिखाई। न केवल गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया बल्कि गैरसैंण को राज्य का तीसरा मंडल बनाने की घोषणा भी थी। लेकिन उन्होंने जिस तरह से इसे अमली जामा पहनाया, उसे लेकर कुमाऊं और गढ़वाल दोनों ही क्षेत्रों में उनके खिलाफ लोग नाराज थे। ऐसे में रावत के सामने अब गैरसैंण को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने और उस पर आगे बढ़ने की चुनौती रहेगी। इसके अलावा उत्तराखंड की सियासत में राजपूत बनाम ब्राह्मण के बीच भी सियासी जंग किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में बीजेपी ने सत्ता की कमान राजपूत नेता के हाथ में सौंपी है तो संगठन की कमान ब्राह्मण समुदाय और कुमाऊं क्षेत्र के पास है। त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में गढ़वाल मंडल से मुख्यमंत्री समेत छह मंत्री और कुमाऊं मंडल से चार मंत्री रखे गए थे। ऐसे में तीरथ रावत के मंत्रिमंडल में दोनों मंडलों को तवज्जो देने की चुनौती भी रहेगी। तीरथ सिंह रावत के लिए क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को साधकर रखने की चुनौती होगी। हालांकि, उन्होंने सीएम बनते ही कह दिया कि वो सभी को साथ लेकर चलेंगे। यही नहीं उत्तराखंड में बीजेपी विधायक शुरू से ही अलग-अलग धड़े में बंटे हुए हैं। विधायक चार साल तक खामोश रहे पर अब चुनावी साल में प्रवेश के साथ ही विधायक मुखर हो गए हैं। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के पीछे ये भी एक बड़ी वजह है। ऐसे में अब खेमों में बंटी पार्टी और विधायकों के साथ संवाद करना और उन्हें एकजुट रखना तीरथ सिंह रावत के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। वहीं, बीजेपी के कार्यकर्ता मौजूदा सरकार की शुरुआत से ही दबी जुबान में काम नहीं होने की शिकायत करते रहे, जिससे कार्यकर्ताओं में निराशा का भाव पैदा हो गया है। अब सत्ता की कमान संभालने वाले तीरथ रावत की चुनौती सरकार की इस छवि को बदलने की रहेगी। उत्तराखंड में भाजपा सरकार के चार साल के कार्यकाल में सीएम त्रिवेंद्र रावत की छवि अफसरों पर निर्भरता की बन गई थी। विधायक और मंत्री कई बार अपनी तकलीफ बयां करते नजर आए कि अफसर उनकी नहीं सुन रहे। सूबे में नौकरशाही बेलगाम हो रही है। विधायकों की शिकायत के बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्य सचिव को पत्र भी भेजा था। मुख्य सचिव ने प्रोटोकॉल को लेकर अफसरों को पत्र लिखे पर स्थिति बहुत ज्यादा नहीं बदली। अब तीरथ सिंह रावत के सामने इस छवि व अफसरों की कार्यशैली को बदलने की सबसे बड़ी चुनौती होगी और विधायकों को भरोसा दिलाना होगा कि उनके क्षेत्र में उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। राज्य के नए मुख्यमंत्री के सामने खुद को निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से बेहतर साबित करने की भी चुनौती रहेगी। त्रिवेंद्र रावत पर शुरू से अफसरों को नियंत्रित न रख पाने और फैसला लेने में देरी जैसे आरोप लगते रहे। ऐसे में नए सीएम के सामने ऐसे आरोपों से बचने के लिए बेहतर प्रदर्शन का दबाव रहेगा।
जनता को हैं नये सीएम से कई उम्मीदें
उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
नये सीएम से प्रदेश की जनता को कई उम्मीदें हैं। कोरोना काल में विकास कार्यों पर जो ब्रेक लगा था उसके चलते उत्तराखण्ड विकास की दौड़ मेे लगातार पिछड़ गया है। आज प्रदेश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। इसके साथ ही महंगाई भी सुरसा की तरह मुंह फैला रही है। व्यापारी, किसान से लेकर हर वर्ग सरकार से कुछ चमत्कार की उम्मीद कर रहा है। त्रिवेंद्र रावत प्रदेश की जनता की भावनाओं को समझने में नाकाम साबित हो रहे थे। अब नये सीएम की ओर प्रदेश की जनता आशा भारी नजरों से देख रही है। पिछले चार साल में प्रदेश में निजी क्षेत्र में रोजगार बड़ी संख्या में कम हुए हैं। हजारों बेरोजगारों की नौकियां खत्म हुयी है। सरकारी विभागों में भी रोजगार नाम मात्र को ही मिल पाये हैं। ऐसे में बेरोजगारांे को भाजपा सरकार के अंतिम वर्ष के कार्यकाल में नये सीएम से रोजगार मिलने की उम्मीदें हैं। प्रदेश में चुनावी साल है तो अब तक चल रही विकास योजनाओं की गति बढ़ाने के साथ ही नई योजनाओं के चयन को लेकर भी तीरथ सिंह रावत को खास सतर्कता बरतनी पड़ेगी। केंद्र सरकार के सहयोग से चल रही योजनाओं की रफ्तार न सिर्फ बढ़ानी होगी, बल्कि नई योजनाएं भी खींचनी होंगी। यानी डबल इंजन के दम को प्रदर्शित भी करने की चुनौती उनके सामने होगी, क्योंकि चार सालों के कार्यकाल में विधायक व कार्यकर्ता हमेशा ही विकास कार्य नहीं होने की शिकायत करते रहे। मौजूदा वर्ष में कोरोना संक्रमण और उससे पहले आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं होने की वजह से विकास कार्यों के लिए बजट का अभाव साफ दिखाई दे रहा था। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से कराए जा रहे विकास कार्य धरातल पर उतारना और उनमें तेजी लाना भी नए सीएम तीरथ सिंह रावत के लिए चुनौती होगा।
20 वर्ष में उत्तराखंड ने देख लिए 8 सीएम
उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
उत्तराखंड ने अपने 20 वर्ष के सफर में जहां 4 मुख्यमंत्री देखने थे वहां 8 मुख्यमंत्री देख लिए। 09 नवंबर 2000 में उत्तराखंड स्थापना के बाद से उत्तराखंड चुनावी इतिहास भी बनाता आ रहा है कि यहां की जनता कांग्रेस व भाजपा को बारी बारी मौका दे रही है और मुख्यमंत्री की बात की जाए तो कांग्रेस सरकार में पंडित नारायण दत्त तिवारी के अलावा कोई भी अपना 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके हैं। इस बार भाजपा को बहुमत मिलने पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 मार्च 2017 को राज्य के आठवे मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता संभाली थी। 21 साल के उत्तराखंड में अब तक 8 मुख्यमंत्री बन चुके हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को अपने चार साल के कार्यकाल से नौ दिन पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद त्रिवेद्र सिंह रावत उत्तराखंड के उन पूर्व मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में अपना नाम शामिल कर चुके हैं जो अपना पांच साल का कार्यकाल पूर्ण नहीं कर पाए हैं। बता दें कि राज्य बनने के बाद नौ नवम्बर 2000 में भाजपा के नित्यानंद स्वामी सबसे पहले मुख्यमंत्री बने जो 29 अक्टूबर 2001 तक रहे। जिसके बाद 2001 में भगत सिंह कोश्यारी को मौका मिला जिन्होंने प्रथम चुनाव होने तक लगभग 6 महीने के मुख्यमंत्री का कार्यकाल संभाला।वर्ष 2002 में राज्य में हुए प्रथम विधनसभा चुनाव के बाद स्व नारायण दत्त तिवारी राज्य के मुख्यमंत्री बने जिन्होंने पूरे 5 वर्ष तक कुर्सी संभाली। 2007 में दोबारा चुनाव होने पर मेजर भुवन चंद खंडूरी 8 मार्च 2007 को मुख्यमंत्री बने और 23 जून 2009 तक करीब 27 महीने मुख्यमंत्री पद पर विराजमान रहे। जिसके बाद डा, रमेश पोखरियाल निशंक को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। जिन्हें भी करीब करीब 27 महीने तक मुख्यमंत्री बनेने का मौका मिला। 10 सितंबर 2011को 06 महीने के लिए फिर से भुवन चंद्र खंडूरी मुख्यमंत्री बने। 13 मार्च 2012 में कांग्रेस सरकार बनने विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली। मगर यहां भी सीएम परिवर्तन करना पड़ा। 31 जनवरी 2014 को बहुगुणा की विदाई कर हरीश रावत को मुख्यमंत्री बना दिया गया। जिसके बाद फिर से हरीश रावत एक बार एक दिन व दूसरी बार दस महीने के लिए मुख्यमंत्री बने। उसके बाद भाजपा के सत्ता संभालने के बाद 18 मार्च 2017 में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री की शपथ ली थी।
On March 13, 2021
उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
गर्मियों का सीजन इस बार भारी पड़ सकता है। सर्दियों में कम बारिश के चलते मार्च की शुरूआत में ही पारा उपर चढ़ने लगा है। जिससे आशंका जताई जा रही है कि इस बार गर्मी खूब पड़ेगी। दरअसल ग्लोबल वार्मिंग अपनी मौजूदगी का तल्ख अहसास कराने लगी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष गर्मियों में उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के अलावा देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा। मौसम विज्ञान विभाग ने मार्च से मई तक के लिए पूर्वानुमान जारी करते हुए यह बात कही है। हालांकि दक्षिण और उससे लगे मध्य भारत में सामान्य से कम तापमान रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा है कि इस वर्ष गर्मियों में देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा। देश के कई हिस्सों में फरवरी के आखिरी दिनों से ही दिन का तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि तापमान का यह रुझान आगे भी बने रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि हिमालय के निचले इलाकों, पूर्वोत्तर भारत, मध्य भारत का पश्चिमी हिस्सा और दक्षिण भारतीय प्रायद्वीप में रात के समय न्यूनतम तापमान भी सामान्य से ज्यादा रहेगा। मार्च की शुरूआत में इस बार दिन में तापमान का जो रूख नजर आ रहा है वह लम्बे समय बाद देखने को मिला है। यही वजह है कि इस बार गर्मी की शुरूआत में ही जंगल धधकने लगे हैं। वनाग्नि न सिर्फ तराई में बल्कि पहाड़ों में भी अभी से रौद्र रूप दिखाने लगी है। बढ़ते तापमान का ही परिणाम है कि पिछले दिनों चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद तबाही का मंजर सामने आ चुका है। वैसे भी इस बार सर्दियों में पर्याप्त बारिश नहीं होने के चलते विशेषज्ञ अधिक गर्मी पड़ने की संभावना पहले ही जता चुके हैं।
On March 06, 2021
उत्तराखण्ड सत्य,रुद्रपुर
जिले में स्पा सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई से स्पा संचालकों में हड़कम्प मचा हुआ है। अवैध रूप से चल रहे कई स्पा सेंटर आनन फानन में बंद हो चुके हैं। बता दें शहर में पिछले कुछ समय से से बैंकॉक, थाईलैंड और गोवा की तर्ज पर स्पा मसाज के नाम पर अय्याशी के अड्डे तेजी से पनप रहे थे। इनमें से अधिकांश मसाज सेंटर बिना किसी लाईसेंस और जरूरी कागजी कार्रवाई के चल रहे थे। स्पा सेंटरों मे फुल बॉडी मसाज के नाम पर देह व्यापार का खेल चलने की शिकायतें भी लगातार मिल रही थी। मसाज की सुविधा अभी तक शहर में कुछ बड़े होटलों तक ही सीमित थी। लेकिन अब शहर में बड़े होटलों के अलावा अन्य स्थानों पर भी तेजी से मसाज सेंटर खुलने लगे हैं। शहर की पाॅश कालोनियों में मसाज पार्लर का चलन तेजी से बढ़ रहा है। नैनीताल रोड स्थित एक पाॅश कालोनी में ही करीब आधा दर्जन मसाज सेंटर चल रहे हैं। इसके अलावा कई होटलों में भी मसाज के नाम पर अय्याशी का खुला खेल चलने की चर्चाएं पिछले कुछ दिनों से जोरों पर थी। अधिकांश मसाज सेंटर नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि मसाज और थेरेपी की आड़ में अनैतिक व्यापार भी कराया जा रहा है। अधिकांश स्पा सेंटर प्रशासन के पास रजिस्टर्ड नहीं है। बताया जाता है कि स्पा के लिए बीएएमएस डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन होता है। नियम यह है कि बिना बीएएमएस डॉक्टर की तैनाती के कोई स्पा सेंटर नहीं चल सकता। पंचकर्म थेरेपी को स्पा का नाम दिया गया है। डॉक्टर की मौजूदगी के बिना मसाज घातक साबित हो सकती है। लेकिन मसाज सेंटर और स्पा चलाने वाले लोग इस सब से अनजान होकर खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बताया जाता है कि कुछ मसाज सेंटरों में बॉडी मसाज के नाम पर रईस परिवारों के लोगों को लुभावने ऑफर देकर आमंत्रित किया जाता है। कुछ मसाज सेंटरों में बाहर की युवतियों को रखा गया है। प्रशासन लम्बे समय से इन मसाज सेंटरों की तरफ आंखें मूदे हुए था। मसाज सेंटरों में चल रहे गोरखधंधे की भनक उच्चाधिकारियों को लगने के बाद प्रदेश में कई स्थानों पर स्पा सेंटरों के खिलाफ प्रशासन सख्त हो गया है। पिछले दिनों पुलिस प्रशासन ने स्पा सेंटरों पर छापे की कार्रवाई की थी, अब राज्यकर की टीम ने बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे स्पा सेंटरों की जांच शुरू कर दी है। इससे स्पा संचालकों में हड़कम्प मचा हुआ है। बीते दिनों दो स्पा सेंटरों पर जांच में जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। दोनों संचालकों के खिलाफ नोटिस थमाकर तीन दिन में जवाब देने को कहा है। संचालक पूछताछ में सही जानकारी नहीं दे सकें। राज्यकर अधिकारी का कहना है कि शहर में अभी और स्पा सेंटर संचालित होने की सूचना है, जो बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। उनकी भी जांच की जाएगी। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
मेंहदी व टैटू लगाने वालों पर भी कसेगा शिकंजा
उत्तराखण्ड सत्य,रुद्रपुर
मेहंदी और टैटू लगाने वालों पर भी राज्य कर विभाग शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। स्पा सेंटरों के साथ ही अब मेहंदी और टैटू लगाने वालों की भी जांच की जायेगी। शहर के एक माल में मेंहदी व टैटू लगाने वाले दो लोगों की पहचान राज्यकर की टीम ने की है। राज्यकर अधिकारी का कहना था कि जीएसटी में ऐसी सर्विस को भी कर के दायरे में रखा गया है। इस तरह की सर्विस देने वाले लोगों पर 12 से 18 फीसद तक का जीएसटी लगाया जा सकता है। राज्य कर अधिकारी ने सख्त लहजे में कहा है कि मेंहदी व टैटू लगाने वाले अपना जीएसटी रजिस्ट्रेशन करा लें। अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि नियमों के विरूद्ध चल रहे ऐसे सेंटरों पर शिकंजा कसा जायेगा।
On March 06, 2021
श्री अमरनाथ जी सेवा मण्डल की ओर से कांवरियों के जलपान की रहेगी व्यवस्था
उत्तराखण्ड, सत्य रूद्रपुर
श्री अमरनाथ जी सेवा मण्डल की ओर से शिवरात्रि पर्व पर आयोजित होने वाले विशाल शिव जागरण में इस बार भी भजनों की धूम मचेगी। इस बार विशाल शिव जागरण में प्रसिद्ध भजन गायक शिवाय के साथ साथ शिव अघोरी झांकी के लिए मशहूर कलाकार नीरज कुमार को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा कई स्थानीय भजन गायक भी अपनी प्रस्तुति से धूम मचायेंगे। विशाल शिव जागरण का आयोजन शिवरात्रि से एक दिन पहले यानि 10 मार्च को रात आठ बजे से बस स्टैण्ड के सामने रामलीमा मैदान में होगा। आयोजन को सफल बनाने के लिए श्री अमरनाथ जी सेवा मण्डल की टीम जोर शोर से तैयारियों में जुटी है। शिव जागरण के साथ साथ श्री अमरनाथ जी सेवा मण्डल की ओर से कांवरियों के ठहरने की व्यवस्था भी की जायेगी। कांवरियों के लिए भोजन, नहाने धोने सहित विश्राम के सभी इंतजाम किये जायेंगे। जानकारी देते हुए संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि इस बार विशाल शिव जागरण में चार चांद लगाने के लिए मशहूर भजन गायक शिवाय को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा पूर्व में अपनी प्रस्तुति से रूद्रपुर के भक्तों को भक्ति रस में सराबोर कर चुके मशहूर कलाकार नीरज कुमार इस बार भी शिव अघोरी झांकी की प्रस्तुति देंगे। रात आठ बजे से आयोजित होने वाले शिव जागरण में स्थानीय भजन गायक रितेश मनोचा, अमन सांवरिया, रमेश राठौर और पंजाब के मशहूर भजन गायक पिंदर भी अपने सुंदर भजनों की प्रस्तुति देंगे। शिव जागरण से पूर्व दिन भर लंगर की व्यवस्था रहेगी। आयोजन को सफल बनाने के लिए श्री अमरनाथ जी सेवा मण्डल की पूरी टीम पूरी शिद्दत से जुटी है।
On March 06, 2021
सीएम ने पेश किया समावेशी बजट
उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में वित्तीय वर्ष 2021-22 का 57400.32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। त्रिवेंद्र सरकार का पांचवां बजट है। इस बजट से विकास के नये द्वार खुलने की उम्मीद की जा रही है। सीएम ने उद्योगों पर फोकस के साथ ही सड़कों और ग्रामीण विकास को विशेष तवज्जो दी है। कोरोना काल के बाद इस बजट को उत्तराखण्ड के विकास की दृष्टि से समावेशी बजट माना जा रहा है। सरकार ने विकास कार्यों, खासतौर पर सड़कों व पुलों के निर्माण व रखरखाव को बजट पोटली खोली है। लोक निर्माण कार्यों के लिए 2369 करोड़ बजट रखा गया है। कक्षा एक से आठवीं तक सभी विद्यार्थियों को मुफ्त जूता और स्कूल बैक देने की घोषणा की गई है। शहरी क्षेत्र में हर घर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीबों व वंचितों समेत तमाम तबकों का ख्याल रखा गया है। नए बजट में समेकित निधि का घाटा पूरा करने के लिए 650 करोड़ रुपये लोक लेखा से समायोजित किए जाएंगे। बजट में किसानों पर विशेष फोकस करते हुए 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प दोहराया गया है। इसके लिए परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत 87.56 करोड़ रुपये रखे गए हैं। साथ में गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए भी 245 करोड़ की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ व एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना में 12 करोड़ का प्रविधान है। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के लिए बजट में 25 करोड़ दिए गए हैं। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए 47 करोड़ दिए गए हैं। पेयजल व सिंचाई योजनाओं को खासी तवज्जो मिली है। जमरानी परियोजना के लिए 240 करोड़ व सौंग पेयजल योजना के लिए 150 करोड़ रुपये बजट में रखे गए हैं। जल जीवन मिशन-ग्र्रामीण के लिए 667.76 करोड़, पेरी अर्बन योजना के लिए 380 करोड़ व नाबार्ड के तहत पेयजल योजनाओं के लिए 180 करोड़ की व्यवस्था की गई है। बजट में हरिद्वार व ऋषिकेश को पूरी तरह सीवरेज योजना के दायरे में लेने को जर्मन विकास बैंक केएफडब्ल्यू से वित्तपोषित 1200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर एमओयू की जानकारी भी दी गई है। कुंभ के बाद यह कार्य प्रारंभ होगा। बजट में इसके लिए 80 करोड़ का प्रविधान किया गया है। बजट में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी धन दिया गया है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत ठोस व तरल कूड़ा प्रबंधन को 101.31 करोड़ का प्रविधान है। पौधारोपण के लिए 50.29 करोड़ और कैंपा के तहत वन व पर्यावरण को क्षति की प्रतिपूर्ति को बजट में 295 करोड़ का बंदोबस्त किया गया है। जायका के माध्यम से ईको-रेस्टोरेशन कार्य के लिए 110 करोड़ रखे गए हैं। बुनियादी ढांचे और अवस्थापना विकास पर भी सरकार ने खास जोर दिया है। लोक निर्माण विभाग के तहत पूंजीगत परिसंपत्तियों के लिए 1511.29 करोड़, राज्य में मार्गों के समुचित वार्षिक रखरखाव को 385.27 करोड़ का प्रविधान है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में मोटर मार्गों व सेतुओं के कार्य के लिए नाबार्ड पोषित योजना में 330 करोड़ रुपये रखे गए हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 954.75 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। मुजफ्फरनगर रेल लाइन निर्माण परियोजना को 70 करोड़ व उड्डयन विकास व विस्तार को 181 करोड़ खर्च किए जाएंगे। कोरोना संकट काल में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने की मुहिम जारी रहेगी। इसके लिए विश्व बैंक की सहायता से चिह््िनत जिला चिकित्सालयों को क्लस्टर पद्धति के अनुसार विकसित करने को बजट में 200 करोड़ की व्यवस्था की गई है। अटल आयुष्मान योजना के संचालन को 150 करोड़ रुपये, चिकित्सा व परिवार कल्याण को 3319.63 करोड़ का प्रविधान किया गया है। माध्यमिक शिक्षा में संसाधन जुटाने व शैक्षिक सुधार के लिए एडीबी के माध्यम से 39.70 करोड़ खर्च होंगे। जल जीवन मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक घर को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। नलकूपों, नहरों, झीलों व बांधों के रखरखाव को 118 करोड़ रुपये, नलकूपों व नहरों के निर्माण को 150 करोड़, किसाऊ, लखवाड़ और त्यूणी-आराकोट जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण को 30 करोड़, महिला सुरक्षा को न्यायवाद के दौरान महिलाओं की आर्थिक मदद को 3.60 करोड़ ,प्रदेश में महिला मंगल दल व युवक मंगल दल को सहायता के लिए 15 करोड़, एससी-एसटी अत्याचार निवारण और जनजाति शोध संस्थान एवं संग्रहालय के संचालन को धन की व्यवस्था के साथ ही चैखुटिया में हवाई पट्टी बनाने को 20 करोड़, साइंस सिटी व विज्ञान केंद्रों की स्थापना को 23.15 करोड़, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के संचालन को 5.53 करोड़ और प्रत्येक पंचायत में भवन की व्यवस्था को 20 करोड़ की व्यवस्था की गयी है। कुल मिलाकर त्रिवेंद्र सरकार के इस बजट से विकास के द्वार खुलने की उम्मीद की जा रही है।
On March 06, 2021
कोरोना के बाद अब महंगाई ने किया जीना दूभर
उत्त्राखण्ड सत्य,रूद्रपुर
कोरोना का कहर अभी पूरी तरह थमा नहीं है। अब महंगाई भी लोगों को रूलाने लगी है। पिछले कुछ महीनों में लगातार बढ़ रही महंगाई ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। देश में पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना नई ऊंचाइयों को छू रहे है। दिल्ली में पेट्रोल के रेट 90.93 पहुंच चुके हैं। दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसी वजह से देश ट्रांसपोर्टर्स ने 6 महीने में तीसरी बार भाड़ा बढ़ा दिया। इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ रहा है। हाल ही में ट्रांसपोर्टर्स ने डीजल की लगातार बढती कीमतों के चलते माल ढुलाई भाड़े में फिर 20 फीसदी तक की बढोतरी कर दी है। पिछले 6 महीने में ये तीसरी बढ़ोतरी है। कारोबारियों का कहना है कि मालभाड़ा बढ़ने से चीजों के दाम बढ़ेंगे और डीजल के दाम इसी तरफ बढ़ते रहे तो महंगाई भी बढ़ती रहेगी। पिछले डेढ़ महीने में डीजल के दाम 30 फीसदी बढ़े हैं और ट्रांसपोर्ट्स ने भाड़ा 20 फीसदी बढ़ाया है। अब चीजों के दाम बढ़ना तय है और ट्रांसपोर्टर कह रहे हैं कि सरकार ने कम से कम 20 रुपए प्रति लीटर तक कीमतें नहीं घटाई तो आगे स्थिति और बिगड़ेगी। पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। रोेजमर्रा के सामानों के अलावा अब टैक्सी और ऑटो के किराए में भी बढ़ोतरी हो गई है। वहीं एक रिपोर्ट में बताया गया है कि खुदरा महंगाई की दर के और बढ़ने का अनुमान है। लगातार बढ़ रही महंगाई से केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार की साख पर भी बट्टा लग रहा है। अच्छे दिनों का सब्जबाग दिखाने वाली मोदी सरकार में महंगाई सुरसा की तरह मुंह फैला रही है। जिसके चलते विपक्ष सरकार को महंगाई के मुद्दे पर घेरने की लगातार कोशिश कर रहा है। एक तरफ किसान आंदोलन तो दूसरी तरफ महंगाई लगातार केन्द्र की मोदी सरकार पर वार कर रही है। जहां एक ओर किसान आंदोलन सरकार की नाक में दम किये हुए हैं वही महंगाई के मोर्चे पर हालात लागातार बेकाबू होते जा रहे हैं। अनाज दालें, चीनी, पफल, सब्जी आदि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। पेट्रोलियम पदार्थों ने तो जनता को दिन में तारे दिखा दिये हैं। खाने पीने की वस्तुओं ने रसोई के बजट को बुरी तरह बिगाड़कर रख दिया है। ऐसे में पिछली सरकार को हर बात के लिए दोषी ठहराना लोगों को हजम नहीं हो रहा है। पेट्रोल डीजल के साथ साथ रसोई गैस की कीमतों ने भी लोगों का जीना दूभर कर दिया हैं खाद्य तेलों और दालों के भाव आसमान छू रहे हैं, प्याज लहसुन भी आम आदमी की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं। कोरोना काल में लाॅकडाउन के बाद आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे आम आदमी को अब दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ लोगों की आदमनी कम हुयी है तो दूसरी ओर महंगाई उन्हें चैन से जीने नहीं दे रही। उपर से स्कूल खुलने के बाद अब स्कूलों का भी फीस के लिए दबाव शुरू हो गया है। आर्थिक तंगी के दौर में जनता को महंगाई ने बेहाल कर दिया हैं। महंगाई पर लगाम लगाने के सरकार के सारे प्रयास फेल होते नजर आ रहे हैं। मनमोहन सरकार के दौरान भाजपा और नरेंद्र मोदी ने महंगाई को लेकर कई बार कांग्रेस सरकार को घेरा था। मोदी सरकार का यह दूसरा कार्यकाल है। जनता महंगाई से राहत का इंतजार कर रही है। मगर महंगाई लगातार बढ़ती ही जा रही है। लोगों ने विभिन्न मोर्चों पर राहत पाने के लिए भाजपा के हाथों में सत्ता सौंपी थी लेकिन महंगाई सरकार की छवि पर सवालिया निशान लगा रही है।
On February 27, 2021
रुद्रपुर में होने वाली महापंचायत की व्यापक तैयारियां
उत्त्राखण्ड सत्य,रूद्रपुर
कृषिकानूनों के खिलाफ जिला मुख्यालय पर एक मार्च को होने वाली महापंचायत को लेकर किसान नेताओं ने कमर कस ली है। महापंचायत को ऐतिहासिक बनाने के लिए उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों के साथ साथ दूसरे प्रदेशों में भी व्यापक जनसंपर्क किया जा रहा है। किसान नेताओं का कहना है कि यह महापंचायत ऐतिहासिक होगी। इसमें लाखों की संख्या में उत्तराखण्ड के साथ साथ दूसरे प्रदेशों से भी किसान पहुंचेंगे। केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानून के विरोध में किसान पिछले 3 महीने से गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन करते हुए केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार जिद्द पर अड़ी है। किसानों ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब देश के विभिन्न जगहों पर किसान महापंचायत करना शुरू कर दिया है। इसी के तहत आगामी एक मार्च को रुद्रपुर गांधी पार्क में एक विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। रूद्रपुर में एक मार्च को होने वाली महापंचायत को संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत के अलावा अन्य कई नेता संबोधित करेंगे। किसानों की एक बैठक में किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए रणनीति तैयार की गयी। बैठक में तय किया गया कि राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान महापंचायत में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानून के विरोध प्रदर्शन करेंगे. साथ ही केंद्र सरकार से कानून वापस लेने की मांग करेंगे। किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए किसान नेताओं ने कमर कस ली है। किसान नेता पिछले कई दिनों से महापंचायत को सफल बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जनसंपर्क कर रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेगी, तब तक विरोध जारी रहेगा। जिले में गदरपुर, दिनेशपुर, बाजपुर, खटीमा, सितारगंज, नानकमत्ता, जसपुर, काशीपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जनसंपर्क अभियान जारी है। उधर यूपी में भी किसान महापंचायत को लेकर जोरदारतैयारियां चल रही है। संयुक्त किसान मोर्चा की एक मार्च को रुद्रपुर में होने वाली महापंचायत की सफलता को लेकर किसानों ने नानकपुरी टांडा, गदरपुर, दिनेशपुर सहित कई स्थानों पर बैठक कर रणनीति तैयार की। साथ ही हर घर से एक किसान से महापंचायत में शामिल होने की अपील की गई। संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय सदस्य तथा तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तजिन्दर सिंह विर्क ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ उनके संगठन ने एक मार्च को रुद्रपुर में किसानों की महापंचायत करने का निर्णय लिया है। इसमें किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, दर्शन पाल सिंह आदि भाग लेंगे। महापंचायत में यूपी व उत्तराखंड के जिला ऊधमसिंह नगर, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई, बहराइच आदि जिलों के किसान पहुंचेंगे। किसान नेता ने कहा कि 90 दिन से आंदोलन में बैठे किसानों की केंद्र सरकार को कोई चिता नहीं है। करीब 100 से ज्यादा किसानों की आंदोलन में जान जा चुकी हैं। उन्होंने आह्वान किया कि अगर सभी किसान एकजुट नहीं हुए तो आने वाली पीढियां हमें माफ नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि इस काले कानून को किसी भी हालत में उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
On February 27, 2021