उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
जिस तेजी के साथ जिला मुख्यालय रूद्रपुर की आबादी बढ़ रही है, उसी हिसाब से वाहनों की संख्या भी बढ़ती जा रही हैं। वाहनों की संख्या बढ़ने के साथ ही शहर में ट्रैफिक जाम भी समस्या भी विकराल हो रही है। इस पर अंकुश लगाने के दावे और प्रयास फेल हो रहे हैं। तरफ जहां सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ रही है तो वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक मैनेजमेंट धराशायी होता नजार आ रहा है। पिछले कुछ समय से जिला मुख्यालय पर जाम की समस्या लगातार बढ़ रही है,किच्छा बाईपास, काशीपुर बाईपास रोड पर सुबह और शाम के समय वाहनों को रेंगकर चलना पड़ता हैं शहर के मुख्य चौराहों का भी कमोबेश यही हाल है। मुख्य चौराहों और सड़कों पर सुबह-शाम वाहनों की जाम में फंसी हुई लंबी-लंबी लाइन देऽने को मिल जाएगी। इसके पीछे के बड़ा कारण एक तो शहर में वाहनों की बढ़ती संख्या और दूसरा उस हिसाब से ट्रैफिक मैनेजमेंट का न होना है।क्योंकि शहर में अभी भी ट्रैफिक मैनेजमेंट पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है। सिडकुल बनने से पहले रूद्रपुर शहर में सड़कें अच्छी खासी चौड़ी नजर आती थी, आज कुछ सड़कों का चौड़करण भी हो चुका है लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात है। दरअसल सिडकुल आने के बाद यहां लगातार आबादी बढ़ने के साथ ही वाहनों की संख्या में भी बेतहाशा बढ़ चुकी है। लेकिन सड़कों की स्थिति वैसे की वैसी हैं। जाम की एक बड़ी समस्या ये भी है कि जहां एक तरफ वाहनों की संख्या बढ़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ से ट्रैफिक पुलिस की संख्या में कमी आ रही है, जिससे ट्रैफिक मैनेज नहीं हो पा रहा है। जाम से निपटने के लिए केवल चौराहों पर ही पुलिस नजर आती है। यहां भी गिने चुने कर्मचारी ही नजर आते हैं। मुख्य मार्ग नैनीताल रोड की बात करें तो जी-20 सम्मेलन के दौरान लोहिया मार्केट और समोसा मार्केट की दुकाने ंहटने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि जाम से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा। लेकिन आज स्थिति फिर पहले जैसी हैं, जहां पर दुकानें थी आज वहां पर पार्किंग बन गयी है। नैनीताल रोड को प्रशासन ने चौड़ा तो किया लेकिन इसका समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। मुख्य सड़कों के साथ ही बाजार में भी जाम का बुरा हाल है। बाजार में लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए प्रशासन ने अस्थाई तौर पर नैनीताल हाईवे के किनारे पार्किंग की व्यवस्था की थी लेकिन यहां लोग नाम मात्र के ही वाहन खड़े करते हैं, बाजार में वाहनों की आवाजाही पर अभी भी कोई अंकुश नहीं है, चार पहिया वाहनों के साथ ही बड़ी संख्या में ई रिक्शा मुख्य बाजार में दौड़ते नजर आते हैं। जिससे बाजार में जाम से निजात नहीं मिल पा रही है। पिछले दिनों महापौर ने व्यापारियों के साथ बैठक की थी जिसमें व्यापारियों ने अपनी दुकानों के आगे सामान हटाकर फुटपाथ खाली करने पर सहमति जताई थी लेकिन अभी भी व्यापारी फुटपाथ से अपना सामान हटाने को तैयार नहीं हैं, जिसके चलते बाजार में हर तरफ जाम ही जाम नजर आता है। रूद्रपुर शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने की जरूरत तो है ही साथ ही वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था के लिए भी ठोस कदम उठाने की जरूरत है। काशीपुर बाइ्र्रपास मार्ग सबसे अधिक जाम से जूझ रहा है,इसके चौड़ीकरण की बात लंबे समय से की जा रही है लेकिन धरातल पर कोई काम होता नजर न हीं आ रहा है।