शहर को जाम और जलभराव जैसी समस्याओं से निजात दिलाना होगी चुनौती
उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
नगर निगम चुनाव का फैसला हो चुका है। नव निर्वाचित युवा मेयर विकास शर्मा जल्द ही नगर निगम में कुर्सी संभालेंगे। 24 साल में एक आम कार्यकर्ता से मेयर तक का सफर पूरा करने वाले विकास शर्मा के लिए यह नई पारी शुरू होगी। उनके मेयर बनने से शहरवासियों को कई उम्मीदें हैं। शहरवासियों को उम्मीद है कि शहर को जाम से मुक्ति मिलेगी जलभराव की समस्या का स्थाई समाधान होगा। नये मेयर के सामने शहर की कई ज्वलंत समस्याओं के निराकरण के साथ साथ अपने 15 संकल्पों का पूरा करने की भी चुनौती होगी। नगर निगम बनने के बाद रूद्रपुर में यह तीसरा चुनाव था। पिछले दो चुनावों में मेयर की सीट आरक्षित रही थी। पहले चुनाव में इस सीट को अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित किया गया था जिसमें भाजपा की सोनी कोली मेयर चुनी गयी थी। उसके बाद दूसरे चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए सीट आरक्षित होने पर रामपाल सिंह मेयर बने। पिछले दो चुनावों में मेयर की सीट आरक्षित होने से सामान्य वर्ग के दावेदारों की उम्मीदों पर पानी फिर गया था। इस बार सीट सामान्य होने पर भाजपा से मेयर के टिकट की दौड़ में 19 दावेदार शामिल थे, जिनमें से टिकट की बाजी मुख्यमंत्री के करीबी विकास शर्मा ने मारी। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भूरारानी क्षेत्र के पूर्व पार्षद मोहन खेड़ा को मैदान में उतारा। शुरूआत में मुकाबला एकतरफा माना जा रहा था लेकिन मतदान की तिथि नजदीक आते आते कांग्रेस ने प्रिपेड मीटर का मुद्दा उठाकर चुनाव को रोमांचक बना दिया। आिखरकार चुनाव में भाजपा के विकास शर्मा ने करीब 13 हजार वोटों से चुनाव जीत लिया। जनता ने इस चुनाव में कांग्रेस के प्रिपेड मीटर, नजूल जैसे मुद्दों को नकारकर ट्रिपल इंजन की सरकार पर भरोसा किया। विकास शर्मा अब जल्द ही नगर निगम में होने वाले शपथ समारोह मेयर की कुर्सी संभालेंगे। मेयर की कमान संभालने के साथ ही उनके सामने जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती होगी। शहर में जाम की समस्या मौजूदा समय में सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है इसके अलावा जलभराव की एक बड़ी समस्या है। इन समस्याओं का स्थाई समाधान नये मेयर के लिए चुनौती होगी। इसके अलावा नजूल पर मालिकाना हक की समस्या का भी पूर्ण रूप से समाधान करना भाजपा मेयर के लिए चुनौती होगी। हालाकि 50 वर्ग तक की भूमि पर काबिज लोगों को नजूल पर मालिकाना हक दिलाने प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी इससे अधिक भूमि पर काबिज लोगों को मालिकाना हक मिलने में दिक्कतें सामने आ रही है, नये मेयर से जनता को उम्मीद है कि नजूल पर बसे सभी लोगों को मालिकाना हक मिल पायेगा। चुनाव में स्मार्ट मीटर का मुद्दा जोर शोर से उठा था, कहा जा रहा है कि स्मार्ट मीटर गोदामों में लाये जा चुके हैं। विकास शर्मा ने चुनाव के दौरान ऐलान किया था कि प्रिपेड मीटर किसी भी सूरत में नहीं लगने देंगे। अब अगर मीटर लगने के लिए गोदामों में आ चुके हैं तो उन्हें वापस करना मेयर के लिए बड़ी चुनौती होगी। इसके साथ ही विकास शर्मा ने अपने सकल्प पत्र में कई वायदे जनता से किये हैं। जिसमें उन्होंने रुद्रपुर नगर निगम क्षेत्र में दक्ष स्क्वायर होते हुए बागवाड़ा से सिडकुल, फुलसुंगी होते हुए बगवाड़ा से सिडकुल, फ्रलाईओवर मोड़ से भूरारानी, और तहसील से गंगापुर तक सड़कों का चौड़ीकरण और सुधार करने, रुद्रपुर नगर निगम में शामिल हुए भूरारानी, प्रीत विहार, फुलसुंगी, फुलसुंगा, बगवाड़ा एवं मटकोटा की समस्याओं का त्वरित समाधान करते हुये यहां के निवासियों को भूमि स्वामित्व का अधिकार प्रदान करने, हर वार्ड ग्रीन वार्ड के अंतर्गत सार्वजनिक पार्क एवं ओपन जिम विकसित करते हुये हरियाली सड़क अभियान के तहत पेड़ और सड़क किनारों को वर्टिकल गार्डन व लैंडस्केपिंग से सजाये जायेंगे।सभी नागरिकों के लिए बिल भुगतान, शिकायत समाधान सुनिश्चित करने के लिए माई-सिटी सुविधा केंद्र, निगम कनेक्ट ऐप संचालित करने,सार्वजनिक सुरक्षा और सुचारु यातायात के लिए आधुनिक कमांड और कंट्रोल सेंटर स्थापित करने,रुद्रपुर नगर निगम क्षेत्र में वेंडिंग जोन को ओर भव्य बनाते हुये कई सुविधाये उपलब्ध कराने, रुद्रपुर नगर निगम क्षेत्र में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए योजनाबद्ध स्मार्ट पार्किंग सुविधाएं एवं ई-रिक्शा के लिए समर्पित स्टैंड स्थापित करने, धार्मिक स्थल संरक्षण मिशन शुरू कर रुद्रपुर नगर निगम क्षेत्र के अटरिया मंदिर सहित सभी मंदिरों का रख रखाव एवं विकास करने, आवारा मवेशियों के लिए समुदाय-आधारित गौशालाएँ और पशु चिकित्सालय स्थापित करने,कल्याणी नदी पुनर्जीवन परियोजना शुरू करने ,स्मार्ट सार्वजनिक पुस्तकालय स्थापित करने,नागरिक हितैषी कर प्रणाली स्थापित करने सहित कई वायदे शामिल हैं। इन वायदों को धरातल पर उतारना नये मेयर के लिए आसान नहीं होगा। नगर निगम में तीसरी बार ट्रिपल इंजन सरकार आई है, मौजूदा समय में मेयर भाजपा का है, विधायक और सांसद भी भाजपा के हैं, इसके अलावा सूबे के मुिखया पुष्कर सिंह धामी भी मेयर के करीबी हैं, ऐसे में जनता को उम्मीद है कि रूद्रपुर के विकास को नये पंख लगेंगे। नये मेयर के लिए अपने वायदों पर खरा उतरना इसलिए भी चुनौती है क्यो कि अगले दो साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। अगर मेयर अपने वायदों पर खरे नहीं उतर पाय थे। विधनसभा चुनाव में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।