उत्तराखण्ड सत्य
देहरादून/रूद्रपुर। उत्तराखंड में दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया। प्रदेशर में अहंकार के प्रतीक रावण का दहन किया गया। राजधानी में परेड ग्राउंड में रावण दहन का मुख्य आयोजन हुआ। यहां 121 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया था। हरिद्वार और देहरादून में रावण दहन से पहले ही बारिश शुरू हो गई। बारिश हल्की होने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी परेड मैदान पहुंचे। पहले लंका दहन किया गया और उसके बाद रावण दहन हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज विजय दशमी पर्व पर भगवान इंद्र भी प्रत्यक्ष रूप से हमारे बीच आ गए है। बुराई के रूप में अन्याय के रूप में अहंकार के रूप में हर साल रावण जलाया जाता है। हम सभी को श्रीराम के जीवन से सीखना चाहिए कि उन्होंने अपने जीवन में अनेक परेशानी झेली, लेकिन अपने मार्ग से नहीं भटके। उनका जीवन सिखाता है कि अपने मन में करुणा, प्रेम भाव रखना है। विजयदशमी पर संकल्प ले कि विकसित भारत के संकल्प में योगदान देना हैं। कहा कि दशहरे का पर्व न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य हिस्सा है बल्कि यह पर्व हमें मानव जीवन में धर्म, सत्य और मर्यादा के महत्व का बोध भी कराता है। यह हमें रावण जैसे अहंकारी और अधर्मी के अंत और भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन के गुणों का स्मरण कराता है। दशहरे का पर्व हमें ये संदेश देता है कि अधर्म, अन्याय और अहंकार चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, अंततः उसकी हार निश्चित है। रावण के पास अपार बल, सोने की लंका और शक्तिशाली सेना थी, लेकिन वह अपने अहंकार और अधर्म के कारण पराजित हुआ। यह त्योहार हमें सिखाता है कि अहंकार की ज्वाला स्वयं उस व्यक्ति का नाश करती है, जिसके भीतर अहंकार होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें यहां सिर्फ पुतला दहन नहीं करना है, बल्कि इस त्योहार से प्रेरणा लेकर हम सभी को अपने अंदर की बुराइयों का त्याग कर सत्य, धर्म और मानवता की राह पर चलने का संकल्प भी लेना है।
रूद्रपुर- विजयदशमी का पर्व हर वर्ष की तरह इस बार भी गांधी पार्क में धूमधाम से मनाया गया। गांधी पार्क में विजयदशमी पर्व को लेकर खास तैयारियां की गयी थी। हालाकि रावण दहन से पहले दोपहर को बारिश के कारण आयोजन की तैयारियों मे ंखलल पैदा हुआ। बारिश और हवाओं के बीच गांधी पार्क में खड़े रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले एक एक कर धराशायी हो गये। बारिश से पुतलों को बचाने के लिए तिरपाल का सहारा लिया गया। जैसे तैसे पुतलों को शाम तक पुनः क्रेन आदि की मदद से खड़ा किया गया। देर शाम गांधी पार्क में श्री राम और रावण के बीच युद्ध की लीला का मंचन किया गया। लीला में श्री राम ने रावण का वध किया तो पूरा गांधी पार्क जय श्री राम के उदघोषों से गूंज उठा। इसके पश्चात शानदार आतिशबाजी के बीच रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का एक एक करके दहन किया गया। रावण दहन के पश्चात श्री राम की सेना का जगह जगह जोरदार स्वागत हुआ। देर रात मुख्य रामलीला के मंच पर रामजी के आदेश पर लक्ष्मण द्वारा विभीषण को लंका राज्याभिषेक, हनुमान का अयोध्या पहुंचकर भरत को राम जी के आगमन की पूर्व सूचना देना, राम राज्याभिषेक तक की लीला का मंचन कर इस वर्ष की लीला को विराम दिया गया। इसके बाद श्रीराम लीला कमेटी नें रामलीला में सहयोग देनें वाले समस्त लोगो को पुरूस्कार वितरित कर आभार जताया। दीप प्रज्जवलन श्री राम लीला कमेटी के अध्यक्ष एवं प्रख्यात समाजसेवी पवन अग्रवाल नें किया। लीला को विराम देनें के बाद श्रीराम लीला कमेटी द्वारा श्रीरामनाटक क्लब, श्री सनातन धर्म युवा मंच, साजसज्जा, टैंट व्यवस्था, माईक व्यवस्था सहित इस व्यवस्था में सहयोग देनें वाले प्रत्येक जन का सम्मान करते हुये प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। कमेटी अध्यक्ष पवन अग्रवाल नें सभी सहयोग कर्ताओं का आभार व्यक्त किया । रामजी की भूमिका में मनोज अरोरा, लक्ष्मण की भूमिका में गौरव राज बेहड़, सीताजी की भूमिका में गौरव जग्गा, हनुमान की भूमिका में सुशील गाबा, विभीषण की भूमिका में सचिन आनन्द, सुग्रीव की भूमिका में विशाल अनेजा, भरत जी पुलकित बांबा, शत्रुघन की भूमिका में सौरभ राज बेहड़, अंगद कनव गंभीर, नल आयुष्मान सुशील गाबा, नील की भूमिका में मनकरन रंधावा एवं गणेश भगवान की भूमिका में आशीष ग्रोवर आशू नें शानदार अभिनय कर उपस्थित जनता का मन मोह लिया। संचालन मंच सचिव विजय जग्गा एवं संदीप धीर नें किया। इस दौरान इस दौरान श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, कोषाध्यक्ष अमित गंभीर, समन्वयक नरेश शर्मा, महावीर आजाद, राकेश सुखीजा, हरीश अरोरा, अमित चावला आशीष मिîक्का, मनोज गाबा, अमित अरोरा बोबी, राजेश छाबड़ा, कर्मचन्द राजदेव, सुभाष खंडेलवाल, मोहन लाल भुîóी, प्रेम खुराना, संजीव आनन्द, गौरव तनेजा, आशीष ग्रोवर आशू, हरीश सुखीजा, मनोज मुंजाल, विशाल भुîóी, राम कृष्ण कन्नौजिया, अनिल तनेजा, रमन अरोरा, कुक्कू शर्मा, गौरव राज बेहड़, सौरभ राज बेहड़, राजकुमार कक्कड़, सचिन मुंजाल, सुभाष तनेजा, मनोज अरोरा, गौरव जग्गा, गुरशरण बब्बर शरणी, पुलकित बांबा, सचिन आनन्द, सुमित आनन्द, वैभव भुîóी, दीपक अग्रवाल, रोहित नागपाल, अमन गुम्बर, रोहित खुराना, गोगी, सन्नी आहूजा कपिश सुखीजा, शिवांश कोहली, शौर्य अरोरा, आयुष धमीजा, नीतिश धीर, मोहन अरोरा, हर्ष अरोरा, रोनिक मुंजाल, गर्वित मुंजाल, केतन बांगा, कुंदन, सिद्धान्त ग्रोवर, सन्नी सुखीजा, जतिन सुखीजा, चिराग तनेजा, अभय भुîóी, पुरुराज बेहड़, आशमन अरोरा, अभि चुघ, तन्मय आनन्द, आयुष्मान सुशील गाबा, रवि अरोरा, चिराग कालड़ा, रोहित जग्गा, सचिन तनेजा सहित श्रीराम लीला कमेटी एवं रामनाटक क्लब के सदस्य मौजूद थे।

 
									 
					