विकास कार्यों का श्रेय लेने की होड़ बनी थी विवाद की जड़, अब साथ मिलकर काम करने पर बनी सहमति
उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
रुद्रपुर। शहर की राजनीति में बीते दिनों से चल रही खींचतान आिखरकार फिलहाल थम गई है। विधायक शिव अरोड़ा और मेयर विकास शर्मा के बीच सियासी रस्साकशी ने जहाँ पार्टी संगठन को असहज कर रखा था, वहीं जनता के बीच भी यह चर्चा और मजाक का विषय बन चुकी थी। लेकिन पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद अजय भट्टð की और मध्यस्थता से यह विवाद समाप्त हो गया है। पिछले कुछ महीनों में दोनों जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव लगातार गहराता जा रहा था। कभी उद्घाटन, कभी शिलान्यास और कभी घोषणा को लेकर दोनों आमने-सामने आ जाते थे। हाल ही में इंदिरा चौक से अटरिया मोड़ तक हाईवे चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण का मामला तूल पकड़ गया। इस सड़क का शिलान्यास केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कर चुके थे। लेकिन कुछ ही दिनों बाद विधायक शिव अरोड़ा ने नारियल फोड़कर कार्य की औपचारिक शुरुआत कर दी। इसके बाद 16 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिवस पर मेयर विकास शर्मा ने भी नारियल फोड़कर निर्माण कार्य का आगाज करा दिया। नतीजा यह हुआ कि एक ही सड़क परियोजना के लिए तीन बार नारियल फूटे और तीन बार शिलान्यास -उद्घाटन की ‘नौटंकी’ ने लोगों के बीच तीखी चर्चाओं को जन्म दे दिया। शहर की जनता में यह सवाल उठने लगा कि आिखर विकास कार्य जनता के लिए हैं या फिर राजनीतिक श्रेय लेने की होड़ के लिए? यह पहली बार नहीं था जब विधायक और मेयर आमने-सामने आए हों। इससे पहले इंदिरा चौक पर त्रिशूल स्थापना का मामला भी तूल पकड़ चुका था। विधायक अरोड़ा ने प्रेस नोट जारी कर यह दावा किया था कि मुख्यमंत्री धामी की घोषणा के तहत उनके आग्रह पर चौक को त्रिशूल चौक के रूप में स्थापित किया जाएगा। लेकिन कुछ ही दिनों बाद मेयर विकास शर्मा ने बकायदा विधि-विधान से पूजा अर्चना कर भूमिपूजन करा दिया। इस तरह की घटनाओं ने पार्टी नेतृत्व को भी असहज कर दिया था। सूत्रें के अनुसार इन विवादों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लिया। उन्होंने सांसद अजय भट्टð को जिम्मेदारी दी कि दोनों जनप्रतिनिधियों को साथ बैठाकर समाधान निकाला जाए। इसके बाद सांसद भट्टð जिला अध्यक्ष कमल जिंदल के साथ सक्रिय हुए और विधायक शिव अरोड़ा तथा मेयर विकास शर्मा को आमने-सामने बैठाकर लंबी बातचीत की। चर्चाओं के बाद दोनों के बीच मनमुटाव खत्म करने और सार्वजनिक मंच पर टकराव से बचने की सहमति बनी। अब माना जा रहा है कि विधायक और मेयर दोनों संगठनात्मक मर्यादा का पालन करते हुए विकास कार्यों को श्रेय की होड़ से ऊपर उठकर जनता के हित में आगे बढ़ाएंगे।

 
									 
					