आपदा प्रबंधन में मोदी.धामी की मजबूत केमिस्ट्री ने दी राहत की नई किरण
उत्तराखण्ड सत्य,देहरादून
देवभूमि उत्तराखंड को प्रकृति की विभीषिका का सामना हर वर्ष करना पड़ता है। बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने जैसी आपदाएं राज्य के विकास को रोके हुए हैं और जनजीवन पर गहरे असर डालती रही हैं। लेकिन इन कठिन हालातों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच मजबूत केमिस्ट्री ने एक नई उम्मीद की किरण जगा दी है। यह यात्र न केवल संवेदनशील नेतृत्व की गहराई का परिचायक बनी, बल्कि एक सुनियोजित आपदा प्रबंधन के मॉडल की आधारशिला भी साबित हुई। प्रधानमंत्री ने अपने दौरे में उत्तराखण्ड को 12 हजार करोड़ का आर्थिक पैकेज देने की घोषणा के साथ ही सर्वे पूरा होने के बाद और मदद देने का आश्वासन भी दिया है। प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड से विशेष भावनात्मक नाता रहा है। उन्होंने हर सार्वजनिक मंच से देवभूमि के प्रति अपने अपार स्नेह की अभिव्यक्ति की है। विशेष रूप से केदारनाथ आपदा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रूप से राहत एवं बचाव कार्यों का समन्वय संभाला था। उस अनुभव ने उन्हें प्रदेश की विसंगतियों और जरूरतों से बेहद करीब से परिचित किया। इस बार के दौरे में भी प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावित परिवारों से संवाद कर उनके दुःख दर्द को समझने के साथ उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। देहरादून एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्यक्ष तौर पर आपदा पीड़ितों की पीड़ा सुनी। उन्होंने प्रभावित परिवारों से कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार हर स्तर पर उनके साथ है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि पुनर्वास कार्य में यदि कोई नियम बाधा बनते हैं तो उसे संशोधित किया जाएगा ताकि राहत कार्य में कोई रुकावट न आए। धराली, थराली व अन्य प्रभावित क्षेत्रें में पीएम मोदी ने राहत और बचाव अभियानों की गहन समीक्षा की। उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयासों की सराहना की और राहत कार्य में जुटे कर्मियों से सीधे संवाद कर उनके अनुभव साझा किए। प्रभावित परिवारों से मिलकर उन्होंने उन्हें संबल देने के साथ समुचित मदद का आश्वासन भी दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद टीमों से विस्तार से चर्चा की। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर आपदा प्रबंधन की स्थिति की समीक्षा के दौरान उन्होंने राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, सांसदों व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गहन विचार.विमर्श कर भविष्य की रणनीति पर भी सहमति बनाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब नेतृत्व में दूरदर्शिता और मजबूती साथ हो तो बड़ी चुनौतियां भी छोटी लगने लगती हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। त्वरित प्रतिक्रिया समय की व्यवस्था ने राहत कार्य को एक नया आयाम दिया है। हर जिले में प्रभावित परिवारों के लिए त्वरित सहायता, भोजन, आवास व आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं। इस व्यापक तैयारी के चलते आज उत्तराखंड का आपदा प्रबंधन मॉडल पूरे देश में सराहा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के दृढ़ नेतृत्व और मुख्यमंत्री धामी के कुशल प्रशासन ने मिलकर आपदा पीड़ितों के लिए राहत कार्यों को सुचारु रूप से संचालित किया। विशेष रूप से एनडीआरएफ की टीम, हेलीकॉप्टर, अत्याधुनिक उपकरणों का प्रयोग कर प्रभावित क्षेत्रें में तत्काल सहायता उपलब्ध कराई गई। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संवाद में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को आवश्यक संसाधन और सहायता देने में केंद्र सरकार संपूर्ण सहयोग कर रही है।बहरहाल प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री धामी के बीच विश्वास और सहयोग की मजबूत केमिस्ट्री ने उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन में एक मिसाल कायम की है। इससे प्रभावित जनों को संबल मिला है और प्रदेश की तस्वीर उज्ज्वल होने की राह पर अग्रसर हो गई है। प्रधानमंत्री के दौरे से राहत की एक बड़ी उम्मीद जगी है, यह उम्मीद भविष्य में आपदा प्रबंधन की रणनीतियों को और अधिक प्रभावी बनाने का संकेत भी बनकर उभरी है।

 
									 
					