कई वर्षों के बाद पूर्व विधायक की मुख्य अतिथि के रूप में एंट्री, सियासी गलियारों में उठे नए सवाल
उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
शहर की प्रमुख रामलीला के मंच पर इस बार एक अलग ही दृश्य देखने को मिला। दो दशक बाद पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने बतौर मुख्य अतिथि मंच पर वापसी की। वर्षों पूर्व रामलीला में रावण की दमदार भूमिका निभाकर दर्शकों की तालियाँ बटोरने वाले ठुकराल को दस साल तक विधायक रहते हुए कभी इस मंच पर आमंत्रित नहीं किया गया था। लेकिन इस बार उनके लिए मंच के दरवाजे खुले और उनके ‘बनवास’ का अंत हो गया। रामलीला कमेटी द्वारा आमंत्रण मिलने के बाद ठुकराल मंच पर पहुँचे और उन्होंने आयोजकों का आभार व्यक्त किया। दिलचस्प बात यह रही कि मंच से उन्होंने किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ की खुलकर प्रशंसा भी की। ठुकराल ने कहा कि इस ऐतिहासिक रामलीला मैदान को बचाने, सँवारने और परंपराओं को संजोने में बेहड़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सियासी जानकार मानते हैं कि मंच पर यह दृश्य यूँ ही साधारण नहीं था। भाजपा के दो बार विधायक रहे ठुकराल को टिकट कटने के बाद 2022 विधानसभा चुनाव में पार्टी छोड़कर निर्दलीय मैदान में उतरना पड़ा था। नतीजतन पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया। इसके बाद से ही उनके कांग्रेस में जाने की अटकलें सियासी फिजाओं में उड़ती रहीं, हालांकि अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। फिलहाल उनका रुझान कांग्रेस की ओर ही दिखाई देता है। गौरतलब है कि कभी ठुकराल और बेहड़ के बीच सियासी कटुता इतनी गहरी थी कि रामलीला मंच से भी ठुकराल दूर हो गए थे।लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल रही हैं। ठुकराल के भाजपा से बाहर आने के बाद दोनों नेताओं के बीच दूरी पिघलती नजर आ रही है। शायद यही वजह रही कि लंबे अंतराल के बाद ठुकराल को मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया। रामलीला मंच पर ठुकराल की यह वापसी केवल सांस्कृतिक नहीं बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी अहम मानी जा रही है। सियासी हलकों में चर्चा है कि
यह ठुकराल के ‘नए सियासी पड़ाव’ की आहट हो सकती है।

 
									 
					