रूद्रपुर। शहर ने एक ऐसे सच्चे समाजसेवी को खो दिया है, जिसकी कमी लंबे समय तक खलती रहेगी। प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं जनसेवा में सदैव अग्रणी रहे राजेन्द्र सिडाना का शनिवार देर रात हृदयगति रुकने से आकस्मिक निधन हो गया। उनकी असामयिक विदाई की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई और हर कोई स्तब्ध रह गया।
ओमेक्स निवासी स्व. सिडाना का जीवन धार्मिक, सामाजिक और मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पित रहा। शनिवार को भी वे जन्माष्टमी के धार्मिक आयोजनों में उत्साहपूर्वक शामिल हुए थे। किंतु देर रात अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें तत्काल अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
रविवार को उनकी अंतिम यात्रा में अपार जनसैलाब उमड़ पड़ा। सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। लोगों का कहना था कि राजेन्द्र सिडाना ने जीवनभर दूसरों की सेवा को ही अपना धर्म माना, और मृत्यु के बाद भी वे समाज के लिए अमर हो गए। निधन के तुरंत बाद उनके परिजनों ने नेत्रदान का निर्णय लिया। महाराजा अग्रसेन ग्लोबल चौरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित सी आर मित्तल नेत्रदान केंद्र में चेयरमैन एस.के. मित्तल की उपस्थिति, मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एल.एम. उप्रेती के मार्गदर्शन और आई. टेक्नीशियन मनीष रावत की देखरेख में नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न हुई। अब स्व. सिडाना की आंखों से दो नेत्रहीन इस दुनिया को देखने का सौभाग्य प्राप्त करेंगे।
इस सफल नेत्रदान के लिए ट्रस्ट के श्री अशोक बंसल, राजेन्द्र तुलस्यान, वरिंदर जिंदल, सुरेश गर्ग सहित सिडाना परिवार के सदस्य रवि सिडाना, सतीश सिडाना, गौतम कथूरिया, चंद्र अरोड़ा, डॉ. रवि फुटेला, हरवंश लाल अरोड़ा, राजकुमार ठुकराल, संजय ठुकराल, विजय भूषण, किशोर शर्मा, डॉ. डी.के. भट्ट, अभिषेक अग्रवाल, जे.बी. सिंह, ललित गोयल, गुरमीत वाही, बिमल अग्रवाल, राकेश दुनेजा, विनीत कक्कड़, पवन जिंदल, संजय जुनेजा, सुभाष छावड़ा, संस्था सोचो डिफरेंट के संदीप चावला, विकास भुसरी सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने आभार व्यक्त किया और उनके इस प्रेरणादायी कदम को सच्ची समाजसेवा बताया।लोगों का कहना था कि राजेन्द्र सिडाना का जाना अपूरणीय क्षति है, लेकिन नेत्रदान जैसा महान कार्य उन्हें हमेशा जीवित रखेगा। सचमुच, वे शरीर से भले ही विदा हो गए हों, किंतु उनकी दृष्टि अब भी इस दुनिया में चमक बिखेरती रहेगी।