पूज्य स्वामी जयराम देवाचार्य जी ने दिया प्रवचन
नई दिल्ली। नीलकंठ महादेव मंदिर सेवा समिति, रोहिणी सेक्टर-11, नई दिल्ली द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण कथा में शिवरात्रि पर्व के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं ने धर्म और भक्ति में डुबकी लगाई। कथा में पूज्य श्रीमद् जगद्गुरु ललिताम्बा पीठाधीश्वर स्वामी जयराम देवाचार्य जी महाराज के श्रीमुऽ से भगवान शिव के विवाह की पौराणिक कथा का दिव्य एवं भावपूर्ण वर्णन किया गया। पूज्य महाराज श्री ने कथा के दौरान बताया कि कैसे तपस्या और समर्पण के बल पर देवी पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त किया। शिव और पार्वती के विवाह की यह कथा भक्तों को जीवन में संयम, श्रद्धा और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। श्रद्धालुओं ने कथा के दौरान भाव-विभोर होकर जयघोष किया और भगवान शिव का जलाभिषेक किया।कार्यक्रम के अंतर्गत महारूद्राभिषेक एवं हवनात्मक विराट पार्थिवेश्वर पूजन का आयोजन 20 जुलाई से 27 जुलाई तक प्रतिदिन विधिपूर्वक संपन्न हो रहा है। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं और धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर पं- गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा संपादित ‘अष्टम पुस्तक’ पूज्य महाराज श्री को भेंट की गई। इससे पूर्व न्यास द्वारा संकलित ‘समिधा’ पुस्तक भी उन्हें भेंट की जा चुकी है। महाराज श्री ने व्यास पीठ से ‘समिधा’ ग्रंथ का पाठ करते हुए डॉ- राकेश मिश्र को ‘कलियुग का श्रवण कुमार’ की उपाधि से विभूषित किया। स्वामी जयराम देवाचार्य जी ने कहा कि डॉ- राकेश मिश्र अपने माता-पिता के नाम को जीवंत बनाते हुए जिस सेवा और समर्पण भाव से समाज में कार्य कर रहे हैं, वह आज के समय में एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने उन्हें युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। कार्यक्रम में राजधानी दिल्ली सहित आस-पास के क्षेत्रें से श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।
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