खानपुर पूर्व जिला पंचायत सीट पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी अमिता विश्वास को बागियों का मिला समर्थन
उत्तराखण्ड सत्य,रुद्रपुर
जिला पंचायत चुनाव के मद्देनजर खानपुर पूर्व सीट पर भाजपा की रणनीति रंग लाती दिख रही है। भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी अमिता विश्वास को दो बार की जिला पंचायत सदस्य ममता बजाज का समर्थन मिल गया है। ममता बजाज, जो पहले बगावत करते हुए निर्दलीय नामांकन दािखल कर चुकी थीं, अब मैदान से हट गई हैं। इस राजनीतिक समीकरण के पीछे विधायक शिव अरोरा की सक्रिय कूटनीति को अहम माना जा रहा है। उन्होंने न केवल ममता बजाज को समर्थन के लिए राजी किया, बल्कि पूर्व विधायक समर्थित प्रत्याशी हरनीत कौर से भी भाजपा प्रत्याशी के समर्थन का ऐलान करवाया। बीते दिनों महेशपुर गांव में राजेश बजाज के आवास के पास हुई बैठक में सांसद अजय भट्ट तथा विधायक शिव अरोरा स्वयं पहुंचे थे। बैठक के दौरान राजेश बजाज और ममता बजाज ने सार्वजनिक रूप से भाजपा प्रत्याशी अमिता विश्वास के समर्थन की घोषणा की और पर्चा वापस लेने की बात कही। इस बैठक में बनी सहमति के बाद भाजपा की दोनों बागी प्रत्याशियों ने आखिरकार अपना नाम वापस ले लिया। नाम वापसी के दौरान विधायक शिव अरोरा ने इस पूरे घटनाक्रम को साहसिक और संगठन हित में लिया गया ऐतिहासिक निर्णय करार देते हुए कहा कि राजेश बजाज और गुरबाज सिंह ने बड़ा दिल दिखाया है। उनके समर्थन से अमिता विश्वास की स्थिति अब पहले से भी ज्यादा मजबूत हुई है और यह सीट अब रिकॉर्ड मतों से भाजपा समर्थित प्रत्याशी के खाते में जाएगी। शिव अरोरा ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा से जुड़े हर व्यक्ति को विकास कार्यों में बराबर की भागीदारी मिलेगी। हम सब मिलकर पंचायत स्तर पर विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे। जिला पंचायत सदस्य के तौर पर अमिता विश्वास न केवल भाजपा की नीतियों को मजबूती देंगी बल्कि क्षेत्र में विकास के लिए हर संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। नाम वापसी के समय जिला महामंत्री अमित नारंग, मंडल अध्यक्ष जगदीश विश्वास सहित मनीष छाबड़ा, प्रताप सिंह, मयंक कक्कड़ समेत भाजपा के कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने इसे ष्संगठनात्मक एकता का परिणामष् बताया। दोनों बागियों की नाम वापसी कराकर विधायक शिव अरोरा ने एक बार फिर साबित किया है कि संगठन के भीतर बागियों को मनाने, संवाद कायम करने और स्थिति को भाजपा हित में मोड़ने की कला में वह निपुण हैं। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी की मजबूती व्यक्तिगत महत्त्वाकांक्षाओं से कहीं ऊपर है, और जब बात भाजपा के परचम की हो, तो हर कार्यकर्ता को एकजुटता दिखानी चाहिए।