धामी सरकार की नीतियों का असर, पर्यटन विकास की योजनाओं से तीर्थस्थलों में बढ़ी गतिविधियां,
32 लाख से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं यात्रा, स्थानीय युवाओं को मिल रहे हैं नए रोजगार के अवसर
उत्तराखण्ड सत्य,देहरादून
उत्तराखंड में तीर्थाटन का दायरा बढ़ता जा रहा है जहां श्रद्धालु चारधामों के साथ-साथ अब अन्य मंदिरों के दर्शन के लिए भी पहुंच रहे हैं। चारधाम यात्रा इस साल 30 अप्रैल को शुरू हुई थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक करीब 32 लाख श्रद्धालु बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के दर्शन कर चुके हैं। प्रदेश में आने वाले श्रद्धालु चारधामों के साथ ही अब अन्य मंदिरों और अन्य तीर्थस्थलों पर भी पहुंच रहे हैं जिससे अन्य स्थानों पर भी चारधाम यात्रा मार्ग की तरह आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ रही है। उत्तराखंड में स्थित चारधामों में प्रतिवर्ष यात्रा काल के दौरान लाखों श्रद्धालु आते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस यात्रा सीजन में ही चारधाम और हेमकुंड के लिए कुल 44 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं जिनमें से यमुनोत्री धाम के लिए 7,13,456, गंगोत्री के लिए 7,80,554, केदारनाथ के लिए 14,435,13, बदरीनाथ के लिए 13,36,923 और हेमकुंड के लिए 1,69,180 पंजीकरण हुए हैं। इसके अनुसार इनमें से अब तक करीब 32 लाख तीर्थयात्राी यात्रा पूरी कर चुके हैं। चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ रहे इसके सकारात्मक आर्थिक प्रभाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार अन्य तीर्थ स्थलों के भी प्रचार- प्रसार पर जोर दे रहे हैं ताकि उन क्षेत्रें में भी आर्थिक गतिविधियां तेज हो सके। रुद्रप्रयाग में कार्तिकेय स्वामी मंदिर, उत्तरकाशी स्थित जगन्नाथ मंदिर के साथ ही अन्य मदिंरों में भी श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कार्तिकेय स्वामी मंदिर में गत वर्ष करीब चार लाख तीर्थ यात्राी पहुंचे थे जबकि इस बार जून मध्य तक काफी श्रद्धालु यहां के दर्शन कर चुके हैं। इसी प्रकार, उत्तरकाशी के जगन्नाथ मंदिर में भी इस वर्ष अब तक 25 हजार तीर्थयात्राी पहुंच चुके हैं। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ ही इन तीर्थस्थलों पर भी होटल, रेस्तरां, परिवहन, प्रसाद सहित तमाम तरह की आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका को भी सहारा मिल रहा है। इस बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए सभी क्षेत्रें में तीर्थाटन और पर्यटन की गतिविधियां तेज होना जरूरी है। उत्तराखंड देवभूमि है और यहां प्रत्येक देवालय का अपना महत्व है। सरकार सभी तीर्थ स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं का विकास करने का प्रयास कर रही है।’’
केदारनाथ यात्रा से अब तक 300 करोड़ का कारोबार
देहरादून। उत्तराखण्ड की अर्थ व्यवस्था के लिए चारधाम यात्रा संजीवनी साबित हो रही है। करीब 50 दिन की यात्रा में केदारनाथ में घोड़े खच्चर, हेली सेवा, डंडी कंडी सहित होटल रेस्तरां व्यापारियों ने 300 करोड़ का कारोबार किया है। इस बार 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट दर्शन के लिए खुले थे। 18 जून को बाबा केदारनाथ के दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या 11-40 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। औसत निकाला जाये तो प ्रतिदिन 24 हजार श्रद्धालु धाम में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इससे कारोबारियों को अच्छी खासी आय हो रही है। अकेले गौरीकुंड में करीब 350 होटल प्रतिष्ठान हैं जबकि पूरे यात्रा मार्ग में 2 हजार से अधिक होटल और रेस्टोरेंट आदि संचालित है। धाम में आने वाले एक या=ी का रहने एवं खाने का औसत खर्चा 1500 से 2000 रूपये न्यूनतम होता है। अब तक यात्रा पर पहुंचे 11-40 लाख श्रद्धालुओं का औसत निकाला जाये तो करीब 150 करोड़ का कारोबार हुआ है। वहीं हेली सेवा की बात करें तो इस वर्ष आठ कंपनियां नौ हेलीपैड से हेली सेवा का संचालन कर रही है। अब तक करीब पांच हजार श्रद्धालु हेलीसेवा से केदारनाथ पहुंच चुके हैं। जिसके किराये के रूप में अभी तक 60 करोड़ रूपये की आय हुयी है। वहीं बुजुर्ग श्रद्धालुओं की सेवा के लिए संचालित डंडी कंडी से ढाई करोड़ से अधिाक की आय हो चुकी है।