उत्तराखण्ड सत्य,हल्द्वानी
उत्तराखंड के कुमाऊ में चरस, स्मैक, नशीले इंजेक्शन और नशीली गोलियों की तस्करी चरम पर है। पुलिस इस पर काम भी कर रही है, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता था कि बिना पुलिस की मिलीभगत के तस्कर इस काम को अंजाम तक नहीं पहुंचा सकते। पुलिस और नशा तस्करों के इसी गठजोड़ को तोड़ने के लिए आईजी रिधिम अग्रवाल ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने स्पेशल ऑपरेशन टास्क फोर्स का गठन किया है और इसका काम सिर्फ पुलिस और नशा तस्करों की दोस्ती को सलाखों के पीछे तक पहुंचाना होगा। आईजी रिधिम अग्रवाल ने बताया कि कुमाऊं में रेंज स्तर पर एसओटीएफ (स्पेशल ऑपरेशन टास्क फोर्स) का गठन किया गया है। इन टीमों का उद्देश्य नशे के कारोबार और पुलिस की मिलीभगत से हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना होगा। यदि एसओटीएफ की कार्रवाई के दौरान कोई पुलिसकर्मी किसी आपराधिक गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। रेंज स्तर पर एक हेल्प लाइन नम्बर भी जारी किया गया है और इस नंबर पर सिर्फ अवैध ड्रग्स के कारोबार व पुलिस की मिलीभगत से हो रहे भ्रष्ट्राचार या फिर संगठित व जघन्य अपराधों की ही सूचना दी जाएगी। जबकि अन्य शिकायतों और आपातकालीन स्थिति के लिए डायल 112 पर कॉल करना होगा। उन्होंने बताया कि अवैध ड्रग्स के कारोबार, संगठित अपराध, जघन्य अपराध और पुलिस की संलिप्तता से हो रहे भ्रष्ट्राचार की सूचना हेल्पलाइन नम्बर 9411110057 पर दी जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा है कि सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। आईजी ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य को भ्रष्टाचार और ड्रग्स फ्री बनाने की मुहिम में जुटे हैं। उनकी इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए एसओटीएफ का गठन किया गया। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं किया जाएगा। प्रायः देखने में आया है कि स्कूल, कॉलेजो और शिक्षण संस्थानों के आस-पास नशे के अवैध कारोबारी युवाओं को नशे की गिरफ्रत में फंसाकर उनका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक पतन कर रहे हैं। आईजी ने बताया कि कुमाऊं रेंज के विभिन्न जनपदों से जनप्रतिनिधि और आमजनमानस लगातार ड्रग्स की बिक्री, पुलिस की मीलीभगत से हो रहे भ्रष्टाचार और गंभीर संगठित अपराधों की शिकायतें कर रही थी। इन शिकायतों के निस्तारण के लिए सम्बन्धित जनपदों को ही निर्देशित किया गया है, लेकिन अक्सर देखने में आया कि स्थानीय पुलिस शिकायतों को गम्भीरता से न लेकर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। यह भी संज्ञान में आया है कि पुलिस और अपराधियों के साथ मीलीभगत चरम पर है।