एक हजार से अधिक अवैध निर्माण हटाने के लिए प्रशासन ने शुरू की तैयारी, जल्द आयेंगे कल्याणी नदी के अच्छे दिन
उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
कल्याणी नदी के प्रवाह को रोक रहेे अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन ने एक हजार से अधिक अतिक्रमण चिन्हित कर लिये हैं जिन पर बुल्डोजर चलाने की तैयारी शुरू हो गयी है। निकट भविष्य में कल्याणी नदी को पुनर्जीवित करने का प्लान तैयार किया जा रहा है। बतादें पिछले कुछ वर्षों में कल्याणी नदी के किनारे अतिक्रमण की भरमार से नदी ने नाले का रूप ले लिया है। आलम यह है कि लोगों ने नदी में ही मकान बना लिये हैं, जिसके चलते कल्याणी का प्रवाह रूकने के कारण हर बार बरसात में जलभराव का सामना करना पड़ता है। शहर की कई बस्तियां जलमग्न हो जाती है। प्रशासन को हर बार बाढ़ से निपटने के लिए खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब कल्याणी नदी के प्रवाह को दुरूस्त करने के लिए प्रशासन तैयारी में जुट गया है। हालाकि पिछले कुछ दिनों से नगर निगम ने कल्याणी की सफाई के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। जिसके तहत अभी तक हजारों टन मलवा कल्याणी नदी से निकाला जा चुका है लेकिन नदी के प्रवाह में सबसे बड़ी बाधा अतिक्रमण के रूप में सामने आ रही है। इसको लेकर जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में बीते दिनों जिला सभागार में बैठक आयोजित हुई। बैठक में अपर जिलाधिकारी ने बताया कि कल्याणी नदी में अतिक्रमण से जल प्रवाह को अवरूद्ध होने के कारण नदी का स्वरूप संकुचित होकर नाले जैसा हो गया व वर्षाकाल में नदी का प्रवाह रूकने के कारण जल भराव एवं बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उन्होने बताया कि कल्याणी नदी को अवरूद्ध करने वाले 1028 अतिक्रमण चिन्हित है जिसमे से 550 अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिया गया है व 478 अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिया जाना है। जिस पर जिलाधिकारी ने 18 जून तक सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस देते हुए 05 जूलाई तक स्वयं अपना अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि कल्याणी नदी को साफ व धाराप्रवाह बनाने हेतु नदी में मिलने वाले नालों के पानी का ट्रीटमेंट किये जाने हेतु एसटीपी कार्य प्रस्तावित है। उन्होने बताया कि कल्याणी नदी में अटरिया पुल से दक्षिण की ओर 05 किमी तक अतिक्रमण चिन्हित किया गया है तथा वही एसटीपी भी प्रस्तावित है। उन्होने बताया कि नदी के किनारे कल्याणी नदी में गिरने वाले नालों को टैप करने हेतु लाईन बिछाकर एसटीपी तक ले जाया जायेगा। उन्होने बताया कि एसटीपी नजूल भूमि पर प्रस्तावित है तथा नगर निगम से पेयजल निगम द्वारा एनओसी भी प्राप्त कर ली गयी है। बैठक में अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, नगर आयुक्त नरेश चन्द्र दुर्गापाल, उप जिलाधिकारी मनीष बिष्ट, ओसी गौरव पाण्डेय, उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम सुनील जोशी, सिंचाई बीएस डांगी, क्षेत्रीय प्रदुषण अधिकारी एसपी सिंह आदि मौजूद थे।