तीन साल में 150 से अधिाक भ्रष्टाचारियों को भेजा जेल, भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम की देश भर में हो रही सराहना
उत्तराखण्ड सत्य, देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर भ्रष्टाचार केखिलाफ उत्तराखण्ड सरकार का अभियान लगातार जारी है। सरकार के पिछले तीन साल के कार्यकाल पर नजर डालें तो लगभग 150 लोगों को रिश्वतखोरी में रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा चुका है और दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया है। उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचारियों के िखलाफ कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य का पदभार संभालते ही जीरो टालरेंस पर अपना रुख साफ कर दिया था। भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं गया, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति या बड़ा से बड़ा अधिकारी क्यों न हो। इसके लिए सतर्कता विभाग को विशेष रूप से सक्रिय करने के साथ ही विशेष टोल फ्री नम्बर 1064 भी जारी कर दिया गया। इस एप के माध्यम से आरोपियों की रंगेहाथ गिरफ्तारी में तेजी आई है। पिछले दिनों सतर्कता विभाग की टीम ने ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज में मुख्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 2000 की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया। आरोपी कर्मचारी कमलेश ने नंदा गोरा योजना के तहत में दी जाने वाली धनराशि के फार्म के साथ लगने वाला प्रमाणपत्र जारी करने के एवज में एक छात्र से दो हजार रुपये के सुविधा शुल्क की मांग की थी। सतर्कता विभाग ने शिकायत मिलने पर आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।इससे पहले विजिलेंस की टीम को सूचना मिली कि नैनीताल जिले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता सरकारी ठेकेदार से बिल के भुगतान के लिए 10 हजार रिश्वत मांग रहा है। विजिलेंस ने उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। देहरादून के हरबर्टपुर के सब स्टेशन के एक जेई को विजिलेंस ने 15000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। ट्रैप टीम को सूचना मिली थी कि जेई एक व्यक्ति के घर में बिजली का कनेक्शन लगाने के लिए 15000 रिश्वत मांग रहा है।इसके अलावा नैनीताल जिले के रामनगर में विजिलेंस की टीम ने एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। विजिलेंस की टीम ने पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार स्थित आरटीओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक को 3 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। काशीपुर में रोडवेज के सहायक महाप्रबंधक को विजिलेंस की टीम ने रोडवेज में अनुबंधित बसों का संचालन करवाने के एवज में 90 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी को 10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया गया। खंड शिक्षा अधिकारी पर आरोप था कि वह एक शिक्षक को क्लीन चिट देने के एवज में रिश्वत मांग रहा था। देहरादून में जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर को विजिलेंस की टीम ने 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। बताया गया था कि असिस्टेंट कमिश्नर रेस्टोरेंट के बिलों में जीएसटी की कुछ कमियों को बताकर भारी जुर्माना वसूलने की बात कहकर रिश्वत मांग रहे थे। रुद्रपुर में तैनात जिला आबकारी अधिकारी को एक शराब कारोबारी से 10 लाख रुपए के माल के एवज में 10 फीसदी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। चमोली जिले के कर्णप्रयाग में आबकारी इंस्पेक्टर को 30 हजार रुपये की रिश्वत के साथ पकड़ा गया। आरोप था कि आबकारी इंस्पेक्टर ने निकासी पास न होने का भय दिखाकर ठेकेदार से पैसे मांगे थे। पौड़ी जिले में विजिलेंस ने जमीन के सीमांकन के नाम पर 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते कानूनगो को रंगेहाथ गिरफ्तार किया। सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में कार्य करने वाला एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया गया। बताया गया कि हरिद्वार के एक व्यक्ति ने वेतन न मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत हल करने के नाम पर उक्त कर्मचारी ने पीड़ित से पैसे मांगे थे। पुलिस से शिकायत होने पर उक्त कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया। भ्रष्टाचार पर सीएम धामी के एक्शन से सरकारी मशीनरी में हड़कम्प मचा है। गुरूवार को एक बैठक में सीएम धामी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को और प्रभावी ढंग से चलाने के आदेश दिये हैं। धामी का भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन पिछले दिनों सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड करता रहा। धामी की इस मुहिम को देशभर में सराहना मिल रही है। सोशल मीडिया पर हजारों लोग इस मुहिम के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद करते नजर आए। यूजर्स ने अपनी टिप्पणियों में कहा कि राज्य अब उस बदलाव की ओर बढ़ रहा है, जिसका सपना जनता ने बरसों से देखा था, इससे राजकाज में पारदर्शिता कायम होगी। यूजर्स ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री धामी की अगुवाई में राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के िखलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को जमीन पर उतारा है। बीते तीन वर्षों में 150 से अधिक भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा गया। फिर चाहे वह अधिकारी रहे हों या रसूखदार चेहरे। इससे पहले धामी सरकार सख्त नकल विरोधी कानून के जरिए भी भर्तियों में होने वाली धांधलियों पर लगाम कस चुकी है। इसका असर अब राजकाज पर भी नजर आ रहा है। देश की प्रतिष्ठित बिजनेस समाचार वेबसाइट फाइनेंशियल एक्सप्रेस की ताजा रैंकिंग के अनुसार, छोटे राज्यों की वित्तीय स्थिति के मामले में उत्तराखंड ने गोवा के बाद दूसरा स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि राज्य के मजबूत वित्तीय अनुशासन, पारदर्शी प्रशासन और विकासोन्मुख नीतियों का परिणाम है। इससे पहले नीति आयोग द्वारा जारी 2023-24 की सतत विकास रैंकिंग में भी राज्य को प्रथम स्थान हो चुका है।