पहलगाम के आंसू और सिंदूर की ज्वाला पाकिस्तान के लिए काल बनी
उत्तराखण्ड सत्य, नई दिल्ली
भारतीय वायुसेना ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए क्रूर हमले के बाद दो हफ्रते में ही लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर आतंकी संगठनों और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। पाकिस्तान ने कइर् बार प्रमाण देने के बाद भी न तो किसी आतंकी और न ही किसी आतंकी संगठन पर कार्रवाई करना जरूरी समझा। भारतीय वायुसेना की यह एयर स्ट्राइक 2016 और 2019 में आतंकी शिविरों को नष्ट करने के लिए की गई कार्रवाई से बिल्कुल अलग है क्योंकि वायुसेना के विमानों ने नियंत्रण रेऽा पार किए बिना ही आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया। सेना ने संयम से काम लेते हुए सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। साफ है कि इस कार्रवाई के दौरान यह ध्यान रऽा गया कि किसी भी नागरिक को कोई भी नुकसान न हो। वहीं सेना की प्रेस कांफ्रेंस में सेना की कार्रवाई की जानकारी देने के लिए आर्मी अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका का आना सेना में नारी शक्ति की ताकत का भी प्रतीक है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से यह संदेश भी देश की हर महिला के स्वाभिमान, सम्मान और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए सेना सदैव साथ है। सच तो यह है कि पाकिस्तान ने भारत को इस कठोर कार्रवाई के लिए मजबूर किया है। आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़े आतंकियों ने जिस तरह पहलगाम में पर्यटकों से धर्म पूछकर गोली, उससे तो बर्दाश्त की सभी सीमाएं पार हो गईं। ऐसे में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए- तैयबा के आतंकियों और उनके ठिकानों को सीमा पार निशाना बनाना सेना का मुंहतोड़ जवाब कहा जाएगा। ऐसी कार्रवाई अभी तक अमरीका और इजराइल करते थे, लेकिन अब भारत ने भी आतंकवाद के िऽलाफ अपनी रणनीति को बदल दिया है। टीआरएफ की ओर से हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद भी पाकिस्तान निर्लज्जता के साथ उसके मुख्य संगठन लश्कर-ए- तैयबा को बचाने में जुटा था। भारत ने पहले सिंधु जल संधि निलंबित की, राजनयिकों की संख्या घटाई, आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लगाया और एयरस्पेस बंद किया। अब आतंकियों पर सीधा वार कर संदेश दे दिया है कि आतंकियों और उनके मददगारों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।दरअसल 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ हमला भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नए और भयावह मोड़ का प्रतीक बन गया। इस निर्मम घटना में 26 निर्दाेष पर्यटकों की जान गई, जिन्हें केवल उनके धर्म के आधार पर चुन-चुनकर मारा गया। आतंकियों ने पहले लोगों से उनका धर्म पूछा और जो लोग मुस्लिम धर्म की कलमा पढने या अन्य धार्मिक गतिविधियां निभाने में असमर्थ पाए गए, उन्हें बेरहमी से गोली मार दी गई। यह हमला न सिर्फ एक आतंकवादी कार्रवाई थी, बल्कि भारत की धर्मनिरपेक्ष अस्मिता पर किया गया सीधा हमला था। आतंकवाद अब केवल राजनीतिक या सामरिक मुद्दा नहीं रहा, बल्कि वह धार्मिक कट्टðरता और मानवता के मूल्यों के पूर्ण पतन का रूप ले चुका है। इस हमले ने न केवल देश को आक्रोशित किया, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद अब इतनी गहराई तक जा चुका है कि वह निर्दाेष नागरिकों की धार्मिक पहचान को निशाना बनाकर समाज में भय और नफरत फैलाना चाहता है। भारत ने इस हमले को अपनी संप्रभुता और सामाजिक एकता के िऽलाफ माना और इसके बाद लिए गए निर्णयों ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब हर हमले का जवाब निर्णायक और नीतिगत तरीके से दिया जाएगा। भारत सरकार ने तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए सैन्य स्तर पर एक व्यापक कार्रवाई की योजना बनाई। इस सटीक और गोपनीय सैन्य कार्रवाई को नाम दिया गया- ऑपरेशन सिंदूर। यह नाम प्रतीक था भारत की सांस्कृतिक विरासत का, जिसमें सिंदूर शक्ति, सम्मान और संरक्षण का प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर न केवल आतंक के विरुद्ध सर्जिकल कार्रवाई थी, बल्कि यह उन निर्दाेष नागरिकों को सच्ची श्रद्धांजलि भी थी, जिन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की बलि चढकर अपना जीवन ऽोया। 7 मई 2025 की सुबह जब देशवासी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में व्यस्त थे, मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारत के मिशन सिंदूर की ऽबरों ने भारत के जनमानस का सीना चौड़ा कर दिया। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त रणनीति ने 6 मई 2025 रात्रि को पाकिस्तान के भीतर 9 प्रमुऽ आतंकवादी ठिकानों पर जोरदार हमला कर दिया। यह हमले न केवल लाइन ऑफ कंट्रोल के पास स्थित आतंकी लॉन्चपैड्स पर किए गए, बल्कि पाकिस्तान के भीतरी हिस्सों में भी उन ठिकानों को टारगेट किया गया, जो लंबे समय से आतंक की फैक्टरी बने हुए थे। इन हमलों में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया। दूरवर्ती स्थानों को मिसाइलों और ड्रोन हमलों द्वारा ध्वस्त किया गया। ऽास बात यह रही कि इस पूरे ऑपरेशन में भारतीय पक्ष को कोई नुकसान नहीं हुआ। भारतीय सेना आज विश्व की सबसे शक्तिशाली और संगठित सेनाओं में से एक मानी जाती है। इसकी ताकत न केवल इसके अत्याधुनिक हथियारों, तकनीकी क्षमताओं और रणनीतिक कौशल में निहित है, बल्कि उस अडिग संकल्प में भी छुपी है जो हर भारतीय सैनिक की रगों में बहता है। भारत की सुरक्षा, संप्रभुता और जनमानस की एकता पर यदि कोई ऽतरा मंडराता है, तो भारतीय सेना उसका जवाब शौर्य और संयम के अद्भुत संतुलन के साथ देती है। वर्ष 2014 के बाद देश ने ऐसे कई उदाहरण देऽे हैं, चाहे वह उरी हमले के बाद की सर्जिकल स्ट्राइक हो, पुलवामा के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक या हाल ही में पहलगाम हमले के पश्चात ऑपरेशन सिंदूर, हर बार भारतीय सेना ने यह सिद्ध किया है कि भारत अब केवल सहन नहीं करेगा, बल्कि हर आघात का उत्तर निर्णायक रूप से देगा। भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं करता, वह भविष्य की संभावित साजिशों को रोकने के लिए भी तत्पर है। यह संदेश स्पष्ट है- भारत अब हर गोली का जवाब गोली से, और हर आतंकी योजना का जवाब निर्णायक सैन्य रणनीति से देगा। ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों ने न केवल पाकिस्तान को चेतावनी दी है, बल्कि भारतीय नागरिकों के मन में विश्वास भी जगाया है कि उनका देश अब चुप नहीं बैठेगा। पहलगाम के निर्दाेषों की हत्या ने भारत को झकझोर कर रऽ दिया, लेकिन उसी आघात ने ऑपरेशन सिंदूर जैसी सटीक और निर्णायक प्रतिक्रिया को जन्म दिया। यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक चेतना, राष्ट्रीय संप्रभुता और नागरिक सुरक्षा का प्रतीक है। अब आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एस-400 ने हवा में ही उड़ा दी पाकिस्तान की आठ मिसाइलें
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। पाकिस्तान ने गुरुवार रात को कुपवाड़ा, जम्मू और सांबा सेक्टर में मिसाइल और ड्रोन हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय रक्षा प्रणाली ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी ऽतरों को निष्क्रिय कर दिया। रक्षा सूत्रें ने बताया कि भारत के अत्याधुनिक एस -400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की ओर से दागी गई 8 मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया। भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेऽा के पास एक एयर इंटरसेप्शन ऑपरेशन में पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमान को हवा में मार गिराया। यह कार्रवाई ैएस-400 और अन्य एअर डिफेंस सिस्टम की संयुक्त क्षमता का दक्ष प्रदर्शन थी।
भारत की जवाबी कार्रवाई से घबराया पाकिस्तान,दुनिया से लगा रहा रहम की गुहार
नई दिल्ली। भारत पर हुए डªोन हमलों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए भारतीय सेना ने लाहौर, कराची और अन्य रणनीतिक ठिकानों पर सटीक ड्रोन अटैक किए। भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में ऽलबली मच गई है।भारत पर हुए ड्रोन हमलों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए भारतीय सेना ने लाहौर, कराची और अन्य रणनीतिक ठिकानों पर सटीक ड्रोन अटैक किए। भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में ऽलबली मच गई है और अब वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ऽुद को पीड़ित दिऽाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान ने न केवल इन हमलों की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा है बल्कि उल्टा भारत पर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया है। इस्लामाबाद स्थित विदेश मंत्रलय की ओर से बयान में कहा गया कि पठानकोट, श्रीनगर और जैसलमेर पर किए गए हमलों के आरोप पूरी तरह निराधार हैं और भारत, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान ने अब संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक शक्तियों से अपील की है कि वे भारत को संयम बरतने की सलाह दें। यह वही पाकिस्तान है जो कुछ ही घंटे पहले सीमाओं में ड्रोन भेज रहा था। अब जब जवाब मिला तो ऽुद को निर्दाेष साबित करने में लगा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने साफ किया है कि देश की सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान की किसी भी दुस्साहसी कार्रवाई का करारा जवाब दिया जाएगा।
पाकिस्तान का कराची पोर्ट पूरी तरह तबाह
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान को समुद्री मोर्चे पर ऐसा जवाब दिया है जिसकी गूंज अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक सुनाई दे रही है। पाकिस्तान के कराची पोर्ट को निशाना बनाकर भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक से भी बड़ा ऑपरेशन अंजाम दिया है। इस हमले में कराची बंदरगाह के कई हिस्सों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक भारतीय नौसेना ने रात के अंधेरे में गुप्त तरीके से यह हमला किया। पोर्ट पर तैनात पाकिस्तानी नौसेना को संभलने का मौका तक नहीं मिला। एक के बाद एक कई मिसाइलें, टॉरपीडो और ड्रोन अटैक के जरिए भारत ने कराची पोर्ट को भारी नुकसान पहुंचाया। हमले का फोकस केवल आर्थिक ढांचा नहीं था, बल्कि वहां मौजूद नौसेना के जहाज, हथियारों के गोदाम और निगरानी केंद्र भी पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिए गए। कराची पोर्ट पाकिस्तान की नौसेना की रीढ़ माना जाता है और इस पर हुआ यह हमला उसकी सामरिक ताकत को सीधा चुनौती देता है। कराची पोर्ट पाकिस्तान का सबसे बड़ा व्यावसायिक बंदरगाह है, जहां से देश का बड़ा हिस्सा आयात और निर्यात होता है। ऐसे में भारत द्वारा किए गए हमले से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा झटका लगा है। अभी तक कुल नुकसान का आंकड़ा सामने नहीं आया है लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स में यह साफ है कि अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है।