उत्तराखण्ड सत्य, रुद्रपुर
आप सभी के प्यार और सहयोग की बदौलत ‘उत्तराखंड सत्य’ समाचार पत्र को आठ वर्ष पूरे हो चुके हैं। आठ वर्ष पहले हमने समाचार पत्रें की भीड़ के बीच रूद्रपुर में ‘उत्तराखंड सत्य’ नाम से एक पौधा रोपा था। आज यह नौवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। समाचार पत्र ने कम समय में उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी अपनी पहचान कायम की है। समाचार पत्र ने इतने कम समय में जो सफलता प्राप्त की है वह हमारे पाठकों, विज्ञापन दाताओं एवं सहयोगियों के प्यार और सहयोग का ही प्रतिफल है। ‘‘उत्तराखंड सत्य’’ समाचार पत्र को प्रकाशित करने के पीछे मेरा एक ही मकसद रहा कि जनता की बात को सच्चाई के साथ अखबार के माध्यम से शासन प्रशासन तक पहुंचाया जाए। इस परिकल्पना पर समाचार पत्र ने हमेशा खरा उतरने का प्रयास किया है। उत्तराखंड सत्य आज जन-जन की पहचान बनता जा रहा है। हमने पत्रकारिता के मानदण्डों से कभी समझौता नहीं किया। जिन उद्देश्यों से समाचार पत्र को प्रकाशित किया गया था आज समाचार पत्र अपने उद्देश्यों पर पूरी तरह खरा उतर रहा है। जनहित के मुद्दों को समाचार पत्र के माध्यम से उठाने के लिए समाचार पत्र की टीम हमेशा तत्पर रही है। समाचार पत्र को प्रकाशित करने के पीछे हमारा मकसद कभी भी सिर्फ पैसा कमाना नहीं रहा। हमने कभी भी समाचार पत्र मेें विज्ञापन को प्राथमिकता नहीं दी और न ही किसी को विज्ञापन देने के लिए दबाव बनाया। ईश्वर की कृपा और बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद से हमारे पास सारी सुख सुविधाएं मिली हैं। पत्रकारिता के शौक ने मुझे अखबार निकालने के लिए प्रेरित किया। शौक को पूरा करने के लिए ही यह समाचार पत्र शुरू किया जो धीरे धीरे आपके प्यार और स्नेह की बदौलत जन जन की आवाज बनता जा रहा है। समाचार पत्र की इस सफलता में मेरी सहयोगी टीम का विशेष योगदान रहा है। आज प्रतिस्पर्धा के दौर में अखवार को नियमित रूप से प्रकाशित करना कितना मुश्किल काम है यह अखवार निकालने वाला व्यत्तिफ़ ही अच्छी तरह समझ सकता है। कोरोना काल में सैकड़ों की संख्या में छोटे मझोले समाचार पत्र बंद हो गये। लेकिन ऐसे कठिन समय में भी हमने हिम्मत नहीं हारी और समाचार पत्र की निरंतरता को बनाये रखा। आज सोशल मीडिया के दौर में बड़े बड़े समाचार पत्र भी कठिन दौर से गुजर रहे हैं। लेकिन आज कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच उत्तराखण्ड सत्य समाचार पत्र अपनी यात्र पथ पर अग्रसर है। शुरूआत में हमने कम संसाधनों और अभावों के बीच समाचार पत्र को दूसरी प्रेस से प्रकाशित कराया था। आज समाचार पत्र खुद की प्रेस में प्रकाशित हो रहा है। समाचार पत्र का नेटवर्क लगातार मजबूत हो रहा है। आज जिला मुख्यालय के अलावा जनपद के अन्य शहरों में भी समाचार पत्र की टीम तत्परता से काम कर रही है। सुदूर क्षेत्रें तक हम अपने पाठकों को डाक और इंटरनेट के माध्यम से भी समाचार पत्र लगातार पहुंचा रहे हैं। टीम वर्क के कारण ही समाचार पत्र ने अखवारों की भीड़ के बीच अपनी अलग जगह बनायी है। सोशल मीडिया के बढ़ते प्रचलन के बीच हमने समाचार पत्र को सोशल मीडिया पर भी प्रचारित प्रसारित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उत्तराखण्ड सत्य आज सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर भी उपलब्ध है।समाचार पत्र की अपनी वेबसाइड है जिस पर हर सप्ताह का ई पेपर पाठकों को उपलब्ध रहता है। इसके अलावा पोर्टल के माध्यम से पाठकों तक देश दुनिया की अहम खबरें भी पहुंचाई जा रही है। इसके अलावा यूएसटीवी सोशल मीडिया न्यूज चेनल के माध्यम से भी हम पाठकों तक पहुंच रहे हैं। यह सब कुछ संभव हो पाया,पाठकों के स्नेह और समर्थन के कारण हर पग पर पाठकों ने ताकत दी, सुझाव दिये। हमने बिना किसी निजी राग-द्वेष या बैर के पत्रकारिता को नये आयाम देने की कोशिश की। इस नौ वर्ष की यात्र में हमारे सहयोगियों ने समाचार पत्र की नींव को पुख्ता करने में अहम भूमिका निभाई है। जिसके लिए मैं सभी का तहे दिल से आभार व्यत्तफ़ करता हूं। पाठकों और के इसी स्नेहिल सहयोग की बदौलत हम आगे भी एक सार्थक पत्रकारिता के लिए तत्पर रहेंगे। साथियों आज समाचार पत्र नौंवे वर्ष की यात्र शुरू कर रहा है इस सफर में हमसे जो भी गलतियां उनमें सुधार करने के लिए हम सदैव प्रयासरत हैं और भविष्य में समाचार पत्र को पाठकों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हमारा सतत प्रयास जारी रहेगा। आपका भरपूर सहयोग और समर्थन ही हमारी ताकत है।