उत्तराखण्ड सत्य,रूद्रपुर
नानकमत्ता गुरुद्वारे प्रमुख तरसेम सिंह हत्याकांड को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी पिछले करीब एक साल से पुलिस को चकमा दे रहा था आखिरकार कप्तान मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर गठित टीम ने मुख्य आरोपी को पंजाब में दबोच लिया। पकड़े गये बदमाश ने गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस की चंगुल से भागने का दुस्साहस किया लेकिन पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश बदमाश को भारी पड़ गयी और मुठभेड़ में पुलिस की गोली लगने से बदमाश घायल हो गया। बता दें 28 मार्च 2024 की सुबह अज्ञात दो बाइक सवार शूटरों ने नानकमत्ता गुरुद्वारे के कारसेवा प्रमुख जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की डेरा परिसर में घुसकर हत्या कर दी थी। घटना के बाद से उधम सिंह नगर सहित प्रदेश भर में दहशत का माहौल था। डेरा प्रमुख हत्याकांड की सूचना मिलते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी भी नानकमत्ता पहुंचे। उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अधिकारियों को आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। अगले दिन तत्कालीन डीजीपी ने मौके पर पहुंच कर मामले की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया। क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाने के लिए जनपद पुलिस को कई दिनों तक नानकमत्ता में तैनात किया गया। खुद तत्कालीन एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने नानकमत्ता में डेरा डाला। कई टीमों का गठन कर आरोपियों की तलाश शुरू की गई। मामले में डेरे के सेवादार जसवीर सिंह द्वारा नानकमत्ता थाना पुलिस को तहरीर देते हुए हत्याकांड में बाबा अनूप सिंह, गुरुद्वारे प्रबंध कमेटी श्री नानकमत्ता साहिब के पूर्व अध्यक्ष हरबंस सिंह चूघ और तराई महासभा के प्रीतम सिंह पर षडयंत्र का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया। मामले की जांच के दौरान जनपद पुलिस ने दोनों शूटर की पहचान सरबजीत सिंह निवासी तरन तारन पंजाब और अमरजीत सिंह निवासी बिलासपुर के रूप की। 8 अप्रैल 2024 को शूटर अमरजीत उर्फ बिट्ट को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया। दूसरा आरोपी फरार चल रहा था। जांच के दौरान पुलिस के षडयंत्र में कई नाम प्रकाश में आए। जिसमें 9 आरोपियों को पुलिस टीम गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह फरार चल रहा था। काफी प्रयास के बाद भी जब आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ तो आरोपी पर दो लाख रुपए का इनाम रखा गया। इसी बीच आरोपी की लोकेशन तरन तारन में मिली। जिसके बाद एसएसपी के निर्देश पर दो टीमों को पंजाब रवाना किया गया। नानकमत्ता डेरा प्रमुख हत्याकांड की जांच के दौरान पुलिस टीम को अहम सुराग हाथ लगे थे। जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली थी कि तरसेम सिंह हत्याकांड के लिए 10 लाख रुपए की डील हुई थी। जिसमें हत्या से पूर्व शूटरों को डेढ़ लाख रुपए जबकि हत्याकांड के बाद पांच लाख रुपए दिए गए। पुलिस टीम ने शूटरों को पैसे और अन्य सहायता करने के मामले में 4 अप्रैल को दिलबाग सिंह निवासी ग्राम कबीर पुर थाना निगोही जिला शाह जहांपुर, अमनदीप सिंह उर्फ काला निवासी बरा जगत थाना अमरिया जिला पीलीभीत, हरमिंदर ऊर्फ पिंदी निवासी रणधीर पुर थाना तिलहर जिला शाहजहांपुर, बलकार सिंह निवासी ग्राम बाधे कंजा थाना करेली जिला पीलीभीत को गिरफ्तार किया। 28 मार्च 2024 की सुबह बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड को अंजाम देने के बाद गठित 11 टीमों ने पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया। जिसमें आरोपियों पर शूटरों को एकत्रित करने, हथियार उपलब्ध कराने के साथ ही अन्य संसाधन जुटाने के आरोप लगे। इसके बाद बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के मुख्य शूटर सरबजीत सिंह को पंजाब से गिरफ्तार किया गया। आरोपी को पंजाब से उत्तराखंड लाते समय पुलिस की जीप पलट गई। जिसके बाद आरोपी ने पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस से उसकी मुठभेड़ हुई। जिसमें मुख्य आरोपी के पैर में गोली लगी। घायल सरबजीत सिंह को लेकर पुलिस काशीपुर के राजकीय चिकित्सालयपहुंची जहां उसका उपचार किया गया।
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- 26 april 2025