सशक्त एवं विकसित उत्तराखंड के संकल्प को धारातल पर आकार देने लक्ष्य
उत्तराखण्ड सत्य,देहरादून
पुष्कर सिंह धामी सरकार का बजट विकास की नई उम्मीदें लेकर आया है। बजट में सशक्त एवं विकसित उत्तराखंड के संकल्प को धरातल पर आकार देने को गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी यानी ज्ञान के चार प्रमुख स्तंभ के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से प्रदेश के विकास के लिए दिए गए मंत्र के आधार पर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस बजट के जरिये बुनियादी ढांचे, नवाचार और समावेशी विकास को प्राथमिकता दी है, जो उत्तराखंड को एक समृद्ध व आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। बजट में सात बिंदुओं-कृषि, ऊर्जा, अवसंरचना, संयोजकता, आयुष, कृषि व पर्यटन पर विकास के लिए प्रतिबद्धता-पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है। इस बार बजट में वेंचर फंड की स्थापना की गई है, जिसमें रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना ,होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के प्रोत्साहन के लिए रिवॉल्विंग फंड की स्थापना जैसी कई नई पहल शामिल हैं। बजट में आधारभूत संरचनाओं के विकास पर पूरा जोर दिया गया है, जिसके तहत 220 किलोमीटर नई सड़कें बनाने, 1,000 किलोमीटर सड़कों के पुनर्निर्माण, 1,550 किलो मीटर सड़क के नवीनीकरण, 1,200 किलोमीटर सड़क सुरक्षा कार्य और 37 पुलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। मेगा प्रोजेक्ट के तहत 500 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। यह बजट कई मायनों में प्रगतिशील है, लेकिन पहाड़ी राज्य होने के नाते परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और उसकी लागत को नियंत्रित करने की चुनौती रहेगी। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,01,175-33 करोड़ की राशि का बजट प्रस्तुत किया। पहली बार राज्य के बजट ने एक लाख करोड़ की राशि पार की है। सरकार को नए वित्तीय वर्ष में 101034-74 करोड़ राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। इसमें 62540 करोड़ राजस्व व 38494-21 करोड़ पूंजीगत प्राप्तियों का योगदान होगा। कर मुक्त बजट में राजस्व घाटे का अनुमान नहीं है। अलबत्ता 12504-92 करोड़ के राजस्व घाटे की संभावना है, जिसे वित्त मंत्री ने एफआरबीएम एक्ट की सीमा के भीतर बताया। उन्होंने कहा कि बजट में अवस्थापना कार्यों पर खर्च के लिए 14763-13 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने नमो बजट को नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत और ओजस्वी मानव संसाधन के जरिये परिभाषित किया। उन्होंने नवाचार में पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रणामीकरण, ऊर्जा दक्ष पंप, स्मार्ट मीटर, विज्ञान केंद्र, साइंस सिटी आदि का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार आत्मनिर्भर उत्तराखंड के तहत कृषि, ऊर्जा, संयोजकता, आयुष, उद्योग और अवसंरचना, पर्यटन पर फोकस करेगी। ये सप्तऋषि समृद्ध, सशक्त और विकसित उत्तराखंड के आधार हैं। महान विरासत के तौर पर सरकार शीतकालीन यात्र, आदि कैलाश, ओम पर्वत दर्शन की सुगमता, हरिद्वार और ऋषिकेश का पुनर्विकास और शारदा रिवर फ्रंट की योजनाओं पर काम करेगी। मानव संसाधन के तौर पर सरकार उद्यमिता, स्टार्ट अप, नॉलेज इकॉनोमी, कृत्रिम बुद्धिमता (एआई), खेल सुविधाएं, िखलाड़ियों और किसानों को प्रोत्साहित करने का काम करेगी। उन्होंने ज्ञान मंत्र का जिक्र किया कि बजट में सरकार ने गरीब, युवा, अन्नदाता व नारी कल्याण को केंद्र में रखा है। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में जो नई योजनाएं लेकर आए हैं, उनमें वेंचर फंड बनाने, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, प्रवासी उत्तराखंड परिषद, यूआईटीडीबी को परामर्शी सेवाओं व सर्विस सेक्टर सब्सिडी, रेणुका जी बांध परियोजना में राज्य की अंशपूंजी, खेल विवि की स्थापना, होम कल्याण कोष, सैनिक विश्राम गृहों की साज सज्जा प्रमुख है। बजट में गरीबों की पेंशन के लिए 1,811-66 करोड़, विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी के 918 करोड़, अन्नपूर्ति योजना के लिए 600 करोड़, पीएम आवास योजना 255 करोड़ का प्रावधान किया गया है। युवाओं के तकनीकी और कौशल विकास व छात्रवृत्ति, निशुल्क सुविधाओं के लिए भी वित्तीय प्रावधानों का जिक्र किया। किसानों के लिए भी बजट विभिन्न योजनाओं में प्रोत्साहन के लिए बजट की व्यवस्था की है। जमरानी बांध परियोजना के लिए 625 करोड़, सौंग परियोजना के लिए 75 करोड़, लखवाड़ के लिए 285 करोड़, विशेष पूंजीगत सहायता के लिए 1500 करोड़, जलजीवन मिशन के लिए 1843-44 करोड़, लोनिवि के तहत सड़कों व पुलों के निर्माण व रखरखाव के लिए 1268 करोड़, पीएमजी एसवाई के लिए 1065 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए 30 करोड़, परिवार पहचानपत्र के लिए 10-28 करोड़, राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन के लिए 10-28 करोड़, गो सदनों व निराश्रित पशुओं के लिए 70 करोड़, गैरसैंण में अवस्थापना कार्य के लिए 20 करोड़, सीएम स्वरोजगार योजना के लिए 60 करोड़ व सीएम पलायन रोकथाम योजना के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रें में जनसंख्या दबाव को देखते हुए चार नए शहर बसाने का निर्णय लिया है। गढ़वाल व कुमाऊं में दो-दो शहर बसेंगे। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट में योगनगरी ऋषिकेश को विश्वस्तरीय बनाने पर खास जोर दिया है। वहीं, शहरों में अर्बन मोबिलिटी बढ़ाने, वेस्ट मैनेजमेंट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर रिसाइक्लिंग सिस्टम और गरीब व मध्यम वर्ग को आवास योजना के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। नगरीय अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजना के तहत मूलभूत सुविधाओं जैसे -ड्रैनेज, सड़क, नालियों का निर्माण, रैन बसेरों का संचालन, हाईटेक शौचालय का निर्माण एवं स्थानीय निकायों के पार्क आदि का निर्माण किया जा रहा है। राज्य में शहरीकरण की बढ़ोतरी के चलते सभी आयवर्ग के व्यक्तियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नई आवास नीति तैयार की जा रही है।योगनगरी ऋषिकेश को विश्व स्तरीय बनाने के लिए सरकार ने प्रतिबद्धता जताई है। गोविंदनगर (ऋषिकेश) में लीगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए 6-45 करोड़ की डीपीआर केंद्र ने स्वच्छ भारत मिशन-2 के तहत स्वीकृत की है। लीगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए आवश्यक अतिरिक्त धनराशि की पूर्ति रिंग फेंन्स्ड अकाउंट से और उक्त स्थल पर पार्क का सौन्दर्यीकरण व ओपन जिम का निर्माण भी किया जाएगा। रुड़की, हरिद्वार, काशीपुर व देहरादून में भी लीगेसी वेस्ट निस्तारण का कार्य पूरा होगा।