भागलपुर/ दिल्ली ।
भारतीय एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन के तत्वावधान में आयोजित प्रथम बिहार कप 2025, जो कि पुरुष एवं महिला यूथ नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप का हिस्सा है, वर्तमान में ऐतिहासिक रेशमी शहर भागलपुर (बिहार) में आयोजित की जा रही है। यह चैंपियनशिप देशभर से प्रतिभागियों को आकर्षित कर रही है, जिसमें भारत के कोने-कोने से युवा मुक्केबाज़ भाग ले रहे हैं।संजीव कुमार बिहार बॉक्सिंग संघ के अध्यक्ष ने सभी खिलाड़ियों का स्वागत किया।
प्रथम दिन आईएबीएफ के सेक्रेटरी जनरल राकेश ठकरान जी भागलपुर पहुँचे और उन्होंने सभी व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। भागलपुर विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित यह बिहार कप भारतीय बॉक्सिंग के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा।इस चौंपियनशिप में देश भर के चुनिंदा बॉक्सर महिला एवं पुरुष सम्मिलित हो रहे हैं। इनमें से चयनित लोगों को आने वाले समय में देश की व विदेश में जाने वाली भारतीय टीम में जगह मिलेगी। बिहार कप में शामिल होने 30 और 31 जुलाई 2025 को प्रतिभागियों का आगमन हुआ, और 5 अगस्त 2025 को उनकी वापसी होगी। इस प्रतियोगिता में 20 भारतीय राज्यों की टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिसमें 120 पुरुष एवं 42 महिला बॉक्सर पदक के लिए मुक़ाबला कर रहे हैं। चैंपियनशिप के सफल एवं पेशेवर संचालन के लिए 20 तीन-सितारा प्रमाणित आईएबीएफ रेफरी एवं जज तैनात हैं।
इस आयोजन के दौरान रेफरी एवं जज प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रतिभागी आईएबीएफ 1-सितार ा आर-जे परीक्षा में सम्मिलित होंगे। यह पहल देश में योग्य मुक्केबाज़ी अधिकारियों की संख्या को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का संचालन कर्नल रविंदर सिंह परमार द्वारा किया जा रहा है, जो कि दो दशकों से अधिक समय तक एआईबीए के 3-सितारा आर-जे रह चुके हैं और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय तकनीकी अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। उनके मार्गदर्शन में पाठ्यक्रम अत्यंत उच्च तकनीकी मानकों के साथ संचालित किया जा रहा है। यह पहल भारतीय मुक्केबाज़ी के तकनीकी ढांचे को और अधिक मज़बूत बनाएगी तथा खेल के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इंडियन एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर राकेश मिश्र तीन अगस्त रविवार को भागलपुर पहुँच रहे हैं इस अवसर पर फेडरेशन की ज़ोनल टीमों के अध्यक्ष और सेक्रेटरी जनरल को आमंत्रित किया गया है, जहाँ आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी।